Unmesh Patil, Uddhav Thackeray

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वाहिद काकर@नवभारत
जलगांव:
जलगांव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के संकटमोचक विधायक तथा मंत्री गिरीश महाजन की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। खानदेश की राजनीति में महाजन किंग मेकर माने जाते है लेकिन उन्ही की पार्टी के सांसद उन्मेष पाटील ने बगावत कर उद्धव ठाकरे की सेना में प्रवेश कर खुला चैलेंज किया है। उन्मेष पाटील की बगावत से जलगांव लोकसभा सीट के समीकरण बदलेंगे जिसके चलते भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है।

बुधवार को यूबीटी सेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में मातोश्री में उद्धव ठाकरे ने लोकसभा के लिए उबाटा समूह के उम्मीदवार के रूप में पारोला के पूर्व नगराध्यक्ष करण पवार को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। इस घोषणा से मंत्री गिरीश महाजन का सिरदर्द बढ़ा है। बीजेपी की स्मिता वाघ और पवार के बीच अब बेहद कड़ी टक्कर होगी।

जलगांव लोकसभा सीट पर दोबारा से कब्जा बनाए रखने भाजपा को एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। चालीसगांव के विधायक मंगेश चौहान की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। ऐसे में भाजपा प्रतियाशी स्मिता वाघ को पारोला, एरंड़ोल जलगांव ग्रामीण क्षेत्रों में करण पवार और सांसद उन्मेष पाटील के बढ़ते जनसम्पर्क का नुकसान बीजेपी को पहुंच सकता है। बताया जा रहा है कि भाजपा से जलगांव ग्रामीण के विधायक तथा पालकमंत्री गुलाबराव पाटील भीतर से नाराज हैं।

भाजपा उम्मीदवार स्मिता वाघ के प्रचार में महायुति के समन्वयक तथा मंत्री अभी तक सक्रिय रूप से दिखाई नहीं दिए हैं। जिससे भाजपा के मित्र पक्षों की नाराजगी इस लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। दूसरी ओर भड़गाव पाचोरा में भी भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं में नाराजगी जताई जा रही हैं। कहा जा रहा है अमोल शिंदे का भी भाजपा से मनमुटाव हुआ है। जिस से पाचोरा-भड़गाव में भी भाजपा की डगर नाजुक बताई जा रही हैं। वहीं अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों का सीधा फायदा उद्धव ठाकरे की मशाल को होगा जिसके चलते करण पवार भाजपा को इस निर्वाचन क्षेत्र से तगड़ी टक्कर देंगे यह साफ हो गया है।

सांसद उन्मेष पाटील ने मंत्री महाजन पर कसा तंज
उद्धव ठाकरे पार्टी में प्रवेश पर सांसद उन्मेश पाटिल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, आज मैं महाराष्ट्र के स्वाभिमान को जगा कर भारत को मराठी तीर दिखाने वाले उद्धव ठाकरे की शिवसेना में प्रवेश कर रहा हूं। चूंकि मैं बीजेपी छोड़कर ठाकरे सेना में शामिल हो रहा हूं, इसलिए कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या बीजेपी से उम्मीदवारी नहीं मिलने से नाराज हैं? मैं सभी को यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि विधायक, सांसद बनना राजनीति में मेरा एकमात्र लक्ष्य नहीं था। मैं बहुत अच्छे इरादे से काम कर रहा था, लेकिन जब विधायक था तो राजनीति में काम करते हुए हमने सरकारी योजनाओं का जो पैटर्न चालीसगांव में शुरू किया वही पैटर्न पूरे महाराष्ट्र में भाजपा ने अभियान के रूप में चलाया। दुर्भाग्य से उसे वो नतीजा नहीं मिला। पिछली बार मुझे मेरी मांग के बिना ही लोकसभा नामांकन मिला था। ‘ उन्होंने मंत्री महाजन पर तंज कसते हुए कहा कि इस बार, भले ही एक भाई ने मुझे धोखा दिया, दूसरा भाई, शिवसेना, मेरे साथ है और मुझे इस बात की खुशी है।