Kolhapur

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    कोल्हापुर: संपूर्ण विश्व हमारा परिवार है, यह भाव सर्वप्रथम हमारे देश के संतों ने अपने साहित्य के माध्यम से प्रकट किया और यही भाव पूरे देश को जोड़ता है। ऐसा मत महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने व्यक्त किया। सोमवार को कोल्हापुर (Kolhapur) के महासैनिक दरबार हॉल में पहले विश्व संत साहित्य सम्मेलन (First World Sant Sahitya Sammelan) का उद्घाटन राज्यपाल ने किया। इस अवसर पर सम्मेलन के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ. मदन महाराज गोसावी, स्वागताध्यक्ष डॉ. सदानंद मोरे मंच पर उपस्थित थे। 

    राज्यपाल ने इस सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए डॉ. मदन महाराज गोसावी की सराहना करते हुए कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलेगा। राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि गौतम बुद्ध ने जब घर छोड़ तो भगवान हो  स्वयं विश्वात्मा बन गए। संत ज्ञानेश्वर,नामदेव,तुलसीदास, नानकदेव, कण्ड इन सबकी भाषा अलग थी, लेकिन भाव एक ही रहा। इसी भाव के साथ देश को जोड़ने का काम संतों ने किया है। ज्ञानेश्वर का पसायदान अदभुत है। 

    प्रांतवाद, भाषावाद से ऊपर उठें

    उन्होंने कहा कि प्रांतवाद, भाषावाद से ऊपर उठें। स्वामी विवेकानंद ने कहा था, धर्म को समझना है तो भारत आओ। इसी तरह शंकराचार्य ने देश को एक किया। सम्मेलन में आए काशी सुमेरु पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती का आशीर्वाद राज्यपाल ने लिया। राज्यपाल ने इस विश्व संत साहित्य सम्मेलन के लिए 5 लाख की मदद निधि देने की घोषणा की। स्वागताध्यक्ष डॉ. सदानंद मोरे ने कहा कि भारत युद्ध को रोकने और शांति दोनों में मुख्य भूमिका निभाता रहा है। महामारी ने एक किया। सम्पूर्ण विश्व आत्म चैतन्य से व्याप्त है। डॉ. मोरे ने कहा कि संत हमेशा विश्व शांति की कामना करते हैं।

    वर्तमान विश्व अस्वस्थ्य

    सम्मेलन के अध्यक्ष न्या. डॉ. मदन महाराज गोसावी ने कहा कि वर्तमान में विश्व अस्वस्थ्य है। संत साहित्य सम्मेलन ही विश्वशांति की प्रार्थना को साकार करने का उद्देश्य है। डॉ. गोसावी ने कहा कि महामारी में लोगों ने एक दूसरे की मदद की। समानता का धर्म आगे आया। ऐसे समय मे संतों के विचार ही हमारी युवा पीढ़ी को सही दिशा दे सकते हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से कई देशों के विचारक एक मंच पर आए हैं। ग्रंथ स्मारिका का विमोचन भी राज्यपाल ने किया। सभी अतिथियों, संतो का स्वागत निमंत्रक रवि पाटील, मोहन (गोश्वामी) तिवारी, जगन्नाथ पाटील, एड. अक्षय गोसावी,एड. रोशन पाटील, सविता गोसावी, शैला खांडगे, डॉ. कल्पना हजारे, संकेत खरपुड़े आदि संयोजकों ने किया।