Prithviraj Chavan becomes chairman of screening committee, important responsibility in Assam assembly elections

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पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की मुलाकात को लेकर चर्चा के बीच, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि जो लोग कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे वे उसके साथ रहेंगे और जो लोग भाजपा के साथ जाने के इच्छुक हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। सतारा में एक मराठी चैनल से बात करते हुए चव्हाण ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस मजबूती से तैयारी कर रही है, क्योंकि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना चाहती है।

यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले हफ्ते राकांपा संस्थापक शरद पवार और अजित पवार के बीच ‘गुप्त’ बैठक और राकांपा में हालिया घटनाक्रम का असर महा विकास अघाडी (एमवीए) के तीन-पक्षीय गठजोड़ पर पड़ेगा, चव्हाण ने कहा कि जो भी निर्णय लेना होगा संबंधित दलों के नेता लेंगे।  एमवीए में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा का शरद पवार गुट शामिल है। चव्हाण ने राकांपा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर पार्टी के नेता टिप्पणी कर सकेंगे।

अजित पवार समेत पार्टी के नौ वरिष्ठ नेताओं के महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के बाद पिछले महीने राकांपा में विभाजन हो गया। शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और उनके भतीजे तथा महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के बीच हुई बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। इस दौरान राकांपा के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल भी मौजूद थे। 

चव्हाण ने कहा कि एमवीए में कांग्रेस के साथ शामिल लोग “सांप्रदायिक” पार्टियों से लड़ना जारी रखेंगे। चव्हाण ने कहा, “जो हमारे साथ होंगे, वे हमारे साथ जुड़े रहेंगे। जो लोग भाजपा के साथ जाना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं। किसी ने किसी का हाथ नहीं पकड़ रखा है। धीरे-धीरे तस्वीर साफ हो जाएगी। हम, कांग्रेस के रूप में, मजबूती से तैयारी कर रहे हैं क्योंकि हम 2024 के चुनावों में भाजपा को हराना चाहते हैं।”

कांग्रेस के शिवसेना (यूबीटी) के साथ चुनाव लड़ने का दावा करने वाली कुछ खबरों के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “ऐसा कोई भी मामला (गठबंधन के संबंध में) एमपीसीसी (महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी) की कोर कमेटी द्वारा उठाया जाएगा, और सहयोगी दल के साथ चर्चा के बाद दिल्ली में एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) से मंजूरी मिलेगी।” (एजेंसी)