दोनों गठबंधन में सीट बटवारा बना जी का जंजाल ! महायुति में बढ़ी कलह

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नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: लोकसभा चुनाव 2024 के महासमर का शंखनाद हो चुका है, लेकिन 18 दिन बीतने के बाद भी महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति व विपक्षी महाविकास आघाडी (मविआ) के बीच गठबंधन नहीं हो पाया है। महायुति और महाविकास आघाड़ी में कम से कम आधा दर्जन सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण अभी तक उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं हो पाई है। जिसके कारण चुनाव प्रचार में देरी हो रही है। 

ठाणे या कल्याण में से कोई एक ही सीट
महायुति में शामिल सीएम शिंदे अपने समर्थकों और सहयोगी दलों बीजेपी व राकां के बीच पिस रहे हैं। उन्हें बीजेपी से अपना घर, ठाणे बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इस वजह से वे कल्याण में अपने सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे की उम्मीदवारी घोषित नहीं कर पा रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें साफ शब्दों में कह दिया है कि ठाणे या कल्याण में से कोई एक ही सीट उन्हें मिलेगी। 

बीजेपी का होगा उम्मीदवार 
ठाणे में बीजेपी ने यह शर्त भी रखी है कि भले चिन्ह धनुष-बाण रहेगा लेकिन उम्मीदवार बीजेपी का ही होगा। यहां से बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में संजीव नाईक का नाम सामने आ रहा है। हिंगोली में भी बीजेपी ने शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार हेमंत पाटिल का विरोध किया। बीजेपी यहां से अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है लेकिन सीट बचाने के लिए शिंदे ने हेमंत पाटिल को हटा कर बाबूराव कदम को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है। 

दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर पेंच 
दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर भी स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। नासिक की सीट पर शिंदे गुट के सांसद हेमंत गोडसे का टिकट कटना तय माना जा रहा है। राकां (अजित पवार) नासिक से अपने मंत्री छगन भुजबल को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। तो धाराशिव भी शिंदे गुट को मिलनी तय मानी जा रही है। ऐसा ही गतिरोध शिर्डी और शिरूर सीट को लेकर भी बना हुआ है। उसके बाद महायुति में कलह की बात जगजाहिर हो रही है। 

आघाड़ी में अड़ गए ठाकरे
बात महाविकास आघाडी (मविआ) की करें तो मविआ में सीटों के बंटवारे से पहले शिवसेना (उद्धव गुट) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने 17 उम्मीदवारों के नाम पहले ही घोषित कर चुके हैं। इनमें सांगली, उत्तर मध्य मुंबई व उत्तर पश्चिम मुंबई सहित कई सीटें ऐसी भी शामिल हैं, जिन पर कांग्रेस भी अपना दावा ठोकती रही है। हालांकि रविवार को इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अडियल रूख अपनाते हुए साफ शब्दों में कह दिया कि अब सीटों के बंटवारे पर 2029 में बात होगी। इससे कांग्रेसी बेहद नाराज हैं। 

दोस्ताना मुकाबले की बात 
कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से सांगली और दक्षिण मध्य मुंबई की सीट वापस लेने की मांग की है। तो वहीं कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेता नसीम खान ने कहा कि शिवसेना (UBT) की तरफ से उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा करने से उनके पार्टी कार्यकर्ता नाराज हैं और इसलिए प्रदेश इकाई सांगली, मुंबई दक्षिण मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम सहित 6 लोकसभा सीटों पर ‘दोस्ताना मुकाबला’ करना चाहती है।