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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे-मनोज जरांगेपाटिल

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महाराष्ट्र: महाराष्ट्र (Maharashtra News) में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) का मुद्दा दिनब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। जैसा की हम सब जानते है महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर मराठा समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया। हालांकि, मराठा प्रदर्शनकारी मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने मांग की है कि हम सिर्फ ओबीसी से आरक्षण चाहते हैं। ऐसे में अब मराठा नेता मनोज जरांगे ने चेतावनी दी है कि सरकार जल्द से जल्द सगे संबंधियों के अध्यादेश को कानून में तब्दील करें, नहीं तो हमें बड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा। 

24 फरवरी से रास्ता रोको आंदोलन 

आपको बता दें कि इस बीच मनोज जरांगे पाटिल ने बुधवार (21 फरवरी) को जालना के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा समुदाय की एक बैठक बुलाई। इस बैठक में मराठा आरक्षण पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद जारांगे ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। दरअसल जरांगे ने घोषणा की है कि 24 फरवरी से राज्य के हर गांव में एक साथ रास्ता रोको आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने सरकार को उनकी मांगें मानने के लिए 22 और 23 फरवरी इन दो दिन का समय दिया

आंदोलन से न हो छात्र प्रभावित 

इस बारे में जानकारी देते हुए जरांगे ने कहा है कि सरकार को दिया समय खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के गांव-गांव में आंदोलन किया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी विरोध प्रदर्शन करते हुए आगजनी न करे।मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा भाइयों से यह भी कहा है कि आंदोलन का असर 10वीं-12वीं की परीक्षाओं पर नहीं पड़ना चाहिए। 

…. नहीं तो भूख हड़ताल पर जाएंगे 

इतना ही नहीं बल्कि आगे जरांगे पाटिल ने मराठा भाइयों से यह भी कहा है कि अगर 29 फरवरी तक हमारी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो 1 मार्च 2024 से राज्य के बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं भूख हड़ताल पर चले जाएंगे। 

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मराठा आरक्षण (डिजाइन फोटो)

मौत हुई तो सरकार जिम्मेदार 

जरांगे ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर आंदोलन के दौरान एक भी व्यक्ति की मौत हुई तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी। बैठक में मनोज जरांगे पाटिल ने यह भी जानकारी दी है कि 3 मार्च को जिले की ओर से पूरे राज्य में एक ही स्थान पर रास्ता रोको आंदोलन किया जाएगा। ऐसे में अब यह देखना होगा क्या 22 फरवरी तक सरकार जरांगे की मांग पूरी करता है या फिर एक बार और मराठा आंदोलन की आग में पूरा महाराष्ट्र झुलसता है। यह देखना होगा।