मुंबई. चुनाव आयोग (Election Commission) ने लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) की तारीखों का ऐलान कर दिया है। देश में सात चरणों में चुनाव होंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे। वहीं, महाराष्ट्र (Maharashtra) में पांच चरणों में चुनाव होंगे। जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) आमश्या पाडवी ने ठाकरे का साथ छोड़ दिया है। पाडवी रविवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए।
MLC आमश्या पाडवी ने मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में प्रवेश किया। इस अवसर पर उनके समर्थक आदिवासी पारधी क्रांति सेना के अध्यक्ष मुकेश सालुंखे और 10 महिला सरपंच, 48 पुरुष सरपंच, 2 जिला परिषद अध्यक्ष, 2 उपजिला प्रमुख, 4 पंचायत समिति सदस्य, एक युवा सेना जिलाधिकारी और कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
#WATCH | Shiv Sena (UBT) MLC Aamshya Padavi joins Shiv Sena in the presence of Maharashtra CM Eknath Shinde. pic.twitter.com/pWfn9JwPng
— ANI (@ANI) March 17, 2024
कौन हैं आमश्या पदवी?
आमश्या पाडवी नंदुरबार जिले के दूरदराज के इलाकों में शिवसेना का आदिवासी चेहरा हैं। वह कई सालों से शिवसेना से जुड़े हैं। 2022 के विधान परिषद चुनाव में उद्धव ठाकरे ने पार्टी के कई प्रमुख नेताओं को दरकिनार कर आमश्या पाडवी को विधान परिषद के लिए नामांकित किया था। ठाकरे के इस कदम से पार्टी के अन्य सदस्य नाराज थे। जहां 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ विद्रोह में शामिल हुए, वहीं पाडवी ठाकरे के प्रति वफादार रहे। हालांकि, पाडवी अब शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
दो बार विधानसभा चुनाव हारे आमश्या पाडवी
आमश्या पाडवी ने 2014 और 2019 में अक्कलकुवा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के के.सी. के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि, दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2019 के विधानसभा चुनाव में आमश्या पाडवी को 80,777 वोट मिले थे।
अंबादास दानवे भी होंगे शिंदे गुट में शामिल
उधर, विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के भी शिंदे गुट में शामिल होने की अटकलें सामने आई हैं। हालांकि, दानवे ने रविवार को अफवाहों का खंडन किया। दानवे ने कहा, “अगर मैं शिंदे समूह में शामिल हुआ तो मेरी मां मुझे घर में घुसने नहीं देगी।”