penguin

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    मुंबई: मुंबई के भायखला (Byculla) इलाके के वीरमाता जीजाबाई भोसले पार्क (Veermata Jijabai Bhosale Zoo) और चिड़ियाघर (रानीबाग) में पेंगुइन (Penguin ) के रखरखाव पर पिछले 4 साल में 19.11 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पेंगुइन के प्रति बीएमसी प्रशासन (BMC Administration) मेहरबान दिख रही है, जबकि चिड़ियाघर में अन्य सभी जानवरों के रखरखाव पर 9.52 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे ने आरोप लगाया कि पार्क विभाग द्वारा आम लोगों के टैक्स को बर्बाद किया जा रहा है। जितेंद्र घाडगे ने जानवरों पर पिछले चार वर्षों में कितने रुपए खर्च किए गए थे इसकी जानकारी मांगी थी। 

    बीएमसी प्रशासन द्वारा उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार, मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के उद्यान विभाग ने पिछले 4 वर्षों में 2018 से 2021 तक 243.65 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। भायखला चिड़ियाघर के जीर्णोद्धार के प्रथम चरण में प्रवेश प्लाजा, आंतरिक पॉकेट गार्डन, सार्वजनिक सुविधाओं, सीसीटीवी लगाने, इंटरप्रिटेशन सेंटर, पेंगुइन प्रदर्शनी, शाकाहारी जीवों को क्वारंटाइन करने, चिड़ियाघर, रसोई परिसर, हेरिटेज संरचना के जीर्णोद्धार पर 95 करोड़ रुपए खर्च किए गए। दूसरे चरण में 10 विभिन्न कार्यों पर कुल 62.91 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इन कार्यों में भेड़िया, भालू, बिल्ली परिसर, लोमड़ी, तरस, तेंदुआ, पक्षी जाल, मगरमच्छ, कछुओं के लिए तालाब शामिल हैं।

    प्रत्येक जानवरों के बाड़े की कीमत 5 से 9 करोड़ रुपए 

    घाडगे ने कहा कि दूसरे चरण की निविदा में बाघ, शेर, सांभर, हिरण, नीलगाय, चार सींग वाले मृग, हिरण, मृग और पक्षियों के जाल लगाने पर 57.11 करोड़ रुपए खर्च किए गए। चिड़ियाघर में रखे गए पेंगुइन, बाघ या शेर आम मुंबईकरों से बेहतर जीवन जी रहे हैं। इन चिड़ियाघर में रखे गए प्रत्येक जानवरों के बाड़े की कीमत 5 से 9 करोड़ रुपए के बीच है। यह खर्च आम मुंबईकरों द्वारा  भुगतान किए गए करों से वहन किया जाता है, इसके विपरीत, आम मुंबईकर मुंबई में 10 वर्ग फुट का घर खरीदने का सपना भी नहीं देख सकते हैं।

    टेंडर प्रक्रिया करते समय बीएमसी अधिकारी अपने नजदीकी ठेकेदार को टेंडर देती है। एक बार काम शुरू हो जाने पर ठेके की राशि में ठेकेदार और बीएमसी अधिकारी बांट लेते हैं। कास्ट एस्कलेशन में नेता, ठेकेदार, अधिकारी मिले हुए होते हैं। जो आम लोगों के पसीने से जमा से बीएमसी की तिजोरी में जमा खजाना दीमक की तरह चाट जाते हैं।

    -जितेंद्र घाडगे, आरटीआई कार्यकर्ता एवं संयोजक व्हिसलब्लोअर्स फाउंडेशन