Chain Pulling

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    मुंबई: रेलवे (Railway) के तमाम प्रयासों के बावजूद लंबी दूरी की ट्रेनों में अलार्म चेन पुलिंग (Chain Pulling) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। बताया गया कि अप्रैल माह के दौरान चेन पुलिंग के रिकॉर्ड (Record) 332 मामले सामने आए, जिनमें मात्र 53 मामले आवश्यक थे, जबकि 279 मामले अकारण पाए गए।

    मध्य रेलवे (Central Railway) के मुंबई से छूटने वाली ट्रेनों में अकारण चेन पुलिंग करने वाले 188 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर उनसे जुर्माना (Fine) के रूप में 94,000 रुपए वसूल किए गए। अकारण चेन पुलिंग की वजह से लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ लोकल ट्रेनें भी लेट हो रहीं हैं।

    बैठाने वालों की भीड़

    गर्मी की छुट्टियों में गांव जाने वाली ट्रेनों में इस समय भारी भीड़ हो रही है। इसके साथ अपने रिश्तेदार, परिवार को ट्रेन पर बिठाने वालों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। लोग बिठाने के चक्कर में देरी करते हैं और ट्रेन चलने पर अनावश्यक रूप से चेन खींचते हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सीएसएमटी, एलटीटी, कुर्ला, ठाणे, कल्याण और पनवेल इन स्टेशनों पर अगले 15 दिनों के लिए प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत 10 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया गया है।

    ऐसे काम करता है एसीपी सिस्टम

    रेलवे ने मेल-एक्सप्रेस के साथ लोकल ट्रेनों में केवल आपातकालीन उद्देश्य से अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) सिस्टम प्रदान किया है। जब ट्रेन की अलार्म चेन खींची जाती है, तो यह ट्रेन के मोटरमैन और गार्ड को अलर्ट बेल भेजने के साथ-साथ संबंधित कोच में एक छोटा लीवर विस्थापित हो जाता है,जिससे ट्रेन रूक जाती है। ट्रेन के चलने के लिए विस्थापित लीवर को ठीक करना होता है। जब मेल-एक्सप्रेस ट्रेन की अलार्म चेन खींची जाती है, तो यह पैसेंजर अलार्म सिग्नल डिवाइस (पीएएसडी) को सक्रिय कर देती है, जिससे संबंधित कोच में हवा का दबाव निकलता है जो ट्रेन को अपने आप रोक देता है।इसे गार्ड या टीटीई या किसी भी रेलवे कर्मचारी ठीक किया जाता है। लंबी दूरी की ट्रेनों में प्रायः एसीपी सिस्टम का दुरुपयोग होता है।