
मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने हड़ताली एसटी कामगारों (ST Workers) को अंतिम अल्टीमेटम (Final Ultimatum) देते हुए 31 मार्च तक काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार की तरफ से यह कामगारों के लिए अंतिम मौका है। अजीत पवार ने कहा कि जो कर्मचारी 31 मार्च तक काम पर वापस लौटते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन ऐसा न करने वाले कर्मचारियों को कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यह बात पुणे (Pune) में पत्रकारों से बात करते हुए कही।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन मंत्री अनिल परब ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एसटी कामगारों के काम पर वापस लौटने के लिए 31 मार्च की डेडलाइन निर्धारित की है। परिवहन मंत्री परब ने महाराष्ट्र विधान मंडल के बजट सत्र के आखिरी दिन 25 मार्च को दोनों सदनों में एक निवेदन देते हुए कहा कि इस हड़ताल की वजह से आम लोगों के अलावा परीक्षा के लिए जाने वाले छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में एसटी कामगारों को अपनी जिद्द छोड़ कर काम पर वापस लौट जाना चाहिए।
पिछले चार महीनों से कर्मचारी हड़ताल पर
सरकार के साथ एसटी निगम के विलय की मांग को लेकर पिछले चार महीनों से कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सरकार के साथ विलय की मांग पर विचार करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया था। इस समिति ने विलय की सिफारिश को खारिज कर दिया है। इसके बावजूद एसटी कामगार विलय की मांग पर अड़े हुए हैं। हड़ताल की वजह से अब तक 48 कर्मचारियों ने आत्महत्या कर ली है। ऐसे में इस मुद्दे को सुलझाना आघाडी सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। मंत्री परब ने कहा है कि एसटी कामगारों के वेतन में अच्छा इज़ाफा किया गया है। ऐसे में अब उन्हें राज्य हित को ध्यान में रखते हुए काम पर वापस लौट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे कामगारों के साथ बात कर हर मुद्दे को सुलझाने के लिए तैयार हैं। परब ने कहा है कि आत्महत्या करना किसी भी समस्या का हल नहीं होता है।