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    मुंबई/दिल्ली: महाराष्ट्र के शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) के कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) को लेकर दिल्ली में मंथन का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को सीएम एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) सहकारिता से जुड़े एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे। जहां उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे अमित शाह से हुई।

    सूत्रों के मुताबिक, खास बात यह है कि अमित शाह ने शिंदे और फडणवीस से एक साथ नहीं, बल्कि वन-टू-वन बैठक की। कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री यह जानना चाहते हैं कि आखिर कैबिनेट विस्तार को लेकर दोनों मंत्रियों की अलग-अलग क्या राय है। साथ ही महाराष्ट्र की चल रही अंदरूनी राजनीति पर भी शाह ने सीएम और डीसीएम से फीडबैक लिया है। इससे पहले  मुंबई में शिंदे के साथ फडणवीस ने कहा है कि राज्य विधानमंडल के बजट सत्र से पहले कैबिनेट विस्तार होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही कैबिनेट विस्तार का मुहूर्त निकल सकता है।

    इन विधायकों को कैबिनेट विस्तार का इंतजार

    शिंदे-फडणवीस सरकार के कई विधायक मंत्री न बनाए जाने से नाराज हैं। ऐसे में इन विधायकों को कैबिनेट विस्तार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें भी मंत्री बनने का मौका मिल सके। इन विधायकों में शिंदे गुट से संजय शिरसाट, योगेश कदम, प्रताप सरनाईक, संजय गायकवाड, सुहास कांदे व भरत गोगावले शामिल हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायक बच्चू कडू को मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। बीजेपी की ओर से मंत्री पद के लिए संजय कुटे, आशीष शेलार, गोपीचंद पडलकर, राम शिंदे, नितेश राणे, देवयानी फरांदे व प्रवीण दरेकर के नाम की चर्चा हो रही है। महाराष्ट्र विधान मंडल के शीतकालीन सत्र से पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर इसे टाल दिया गया। हालांकि एक बार फ़िर शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष-बाण को लेकर चुनाव आयोग में 30 जनवरी को सुनवाई होगी। वहीं 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई होने वाली है।