मुंबई: राज्य की उद्योग नीति (Industry Policy) ऐसी होनी चाहिए, जिससे भूमिपुत्रों को रोजगार (Employment) उपलब्ध कराने में मदद हो। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने यह बात मंत्रालय के कमेटी हॉल में आयोजित उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में कही।
इस बैठक में उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, पर्यावरण पर्यटन एवं शिष्टाचार मंत्री आदित्य ठाकरे, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत, सांसद अनिल देसाई, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बलदेव सिंह, उद्योग विकास आयुक्त हर्षदीप कांबले, एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. कौशल समेत कई लोग मौजूद थे।
रोजगार प्रदान करने वाले शिक्षा-प्रशिक्षण पर करें विचार
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में जो उद्योग लाए जा रहे हैं। उनमें कोशिश होनी चाहिए कि भूमिपुत्रों को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिल सके। इस दृष्टि से इन उद्योगों की नीति में रोजगार प्रदान करने वाले शिक्षा-प्रशिक्षण पर ज्यादा विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास विभाग के साथ ही कुछ अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाए रखना होगा। उद्योग मंत्री देसाई ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में ज्यादा अवसर पैदा करने के लिए शिक्षण संस्थानों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है।