Devendra Fadanvis

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    मुंबई:  हिंदुत्व (Hindutva) के मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) पर जमकर हमला किया है। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन (Ram Janmabhoomi Movement) के दौरान हमने लाठियां और गोलियां खाई, जबकि शिवसेना (Shiv Sena) ने केवल भाषण दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में राम मंदिर बन रहा है। काशी विश्नाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) का कायाकल्प हुआ है। शिवसेना कल्याण के दुर्गाड़ी किला और श्री मलंगगढ़ मामले का समाधान भी नहीं कर पाई है।  शिवसेना के सत्ता में होने के बावजूद औरंगाबाद को संभाजीनगर और उस्मानाबाद को धाराशिव नहीं बनाया जा सका है, जबकि वहीं इलाहाबाद को प्रयागराज और फ़ैजाबाद को अयोध्या बनाने का  काम भाजपा सरकार ने किया है।

    शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की जयंती पर रविवार को शिवसेना पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिवसैनिकों से संवाद स्थापित किया था। इस दौरान उद्धव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। जिसका प्रत्युत्तर सोमवार को देवेंद्र फडणवीस ने  पत्रकार परिषद के जरिए दिया। उन्होंने कहा कि शिवसेना के जन्म से पहले, हमारे पास मुंबई में नगरसेवक एवं विधायक थे। 

    देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर कसा तंज

     

     

    देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि शिवसेना के उम्मीदवार वर्ष 1984 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के सिंबल पर  लड़ चुके हैं। शिवसेना जब हमारे साथ थी तब वह नंबर-1 और नंबर-2 थी, लेकिन साथ छोड़ने के बाद वह  चौथे नंबर की पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि हम गर्व के साथ हिंदू ह्रदय सम्राट शिवसेना प्रमुख का अभिवादन करते हैं, लेकिन जिस पार्टी के साथ मिल कर सरकार चला रहे हैं उस कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी,राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिवसेना प्रमुख की जयंती पर एक सादा ट्वीट भी किया क्या। यही सत्ता की लाचारी है।

    भाजपा की स्थापना के पहले शिवसेना का महापौर, संजय राउत का पलटवार 

    शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस पर पलटवार करते हुए कहा कि शिवसेना की स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी, जबकि बीजेपी का जन्म 1980 में हुआ। जब बीजेपी का जन्म  हुआ था तब शिवसेना के हेमचंद्र गुप्ते मुंबई के महापौर थे। शिवसेना के विधायक के रुप में वामनराव म्हाडिक, प्रमोद नवलकर और छगन भुजबल भी निर्वाचित हुए थे। देवेंद्र फडणवीस उस समय नागपुर में थे, उनका मुंबई या महाराष्ट्र की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था।

     औरंगाबाद का नाम क्यों नहीं बदला: संजय राउत

    शहरों का नाम बदलने के मुद्दे पर राउत ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस पांच साल तक राज्य के मुख्यमंत्री थे फिर उन्होंने औरंगाबाद का नाम क्यों नहीं बदला। राउत ने कहा कि क्या वह औरंगजेब को पांच साल से गले लगा रहे थे। अगर कोई शहर अपना नाम बदलना चाहता है, तो उसे केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होती है। इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने वाले योगी आदित्यनाथ को  हिंदू समर्थक बता रहे हैं। तो योगी की तरह फडणवीस ने औरंगाबाद का नाम क्यों नहीं बदला? संजय राउत ने  कहा कि राम मंदिर का निर्माण नरेंद्र मोदी ने नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने किया है। बीजेपी ने अयोध्या का फैसला सुनाने वाले जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा की सीट दी है।