फडणवीस ने सुलझाई बीजेपी की कलह, 24 घंटे में निलेश ने लिया यू टर्न

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  • फडणवीस ने मिटाया चव्हाण, निलेश का झगड़ा
  • 24 घंटे में निलेश के सन्यास का फैसला वापस  
  • निलेश राणे ने रिटायरमेंट की पोस्ट भी सोशल मीडिया से डिलीट कर दी  

मुंबई: लोकसभा चुनाव के पहले ही कोंकण भाजपा में शुरू हुई कलह को कम करने में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को सफलता मिली है। स्थानीय स्तर पर पार्टी में तवज्जो न मिलने से नाराज पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के पुत्र निलेश राणे (Nilesh Rane) ने अचानक राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। मंगलवार को निलेश राणे ने कहा था कि अब राजनीति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। निलेश की इस घोषणा के बाद बीजेपी नेता सकते में आ गए। बुधवार को सुबह कैबिनेट मंत्री व सिंधुदुर्ग के पालकमंत्री रवींद्र चव्हाण (Ravindra Chavan) राणे परिवार के जुहू स्थित बंगले पर पहुंचे और इसके बाद वे निलेश को लेकर सीधे देवेंद्र फडणवीस के सागर स्थित बंगले पर पहुंचे। 

उपमुख्यमंत्री के साथ चर्चा
बताया गया कि पहले निलेश राणे और रवींद्र चव्हाण के बीच तीन घंटे तक चर्चा हुई उसके बाद दोनों नेता सीधे देवेंद्र फडणवीस के सागर स्थित बंगले पर पहुंचे। यहां बंद कमरे में हुई चर्चा के बाद निलेश राणे ने 24 घंटे के अन्दर ही राजनीति से संन्यास लेने का फैसला वापस ले लिया है। उन्होंने बीजेपी में काम करते रहने की इच्छा जताई है। फडणवीस के बंगले से बाहर निकलने के बाद रवींद्र चव्हाण और निलेश राणे एक साथ मीडिया से मुखातिब हुए। रवींद्र चव्हाण ने निलेश राणे की नाराजगी का कारण बताया और सबके सामने निलेश राणे को आश्वासन दिया कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं होगी, हालांकि निलेश राणे ने बिना कुछ कहे चुप रहना ही बेहतर समझा। 

निलेश राणे ने रिटायरमेंट की पोस्ट भी सोशल मीडिया से डिलीट कर दी है। निलेश राणे (Nilesh Rane) ने अचानक राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। मंगलवार को निलेश राणे ने कहा था कि अब राजनीति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। 

कार्यकर्ताओं पर नहीं होगा अन्याय
रवींद्र चव्हाण ने कहा कि कोंकण और सिंधुदुर्ग में निलेश राणे के नेतृत्व में कार्य करेगी। किसी भी छोटे कार्यकर्ता पर अन्याय नहीं होगा। चर्चा थी कि ग्राम पंचायत स्तर के चुनाव में भी उनके कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जा रही थी, इसलिए निलेश नाराज थे। रवींद्र चव्हाण के साथ भी उनके टकराव की खबरें चल रहीं थी। बुधवार को मंत्री चव्हाण के साथ उनकी देवेन्द्र फडणवीस से भी सकारात्मक चर्चा हुई है। उपमुख्यमंत्री ने उन्हें संगठन का काम करते रहने के लिए मना लिया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की भावनाएं वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचे और उस अमल किया जाएगा।