MP Sanjay Raut
संजय राउत (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कहा कि उसने मुंबई के पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में शिवसेना (UBt) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के कथित सहयोगी प्रवीण राउत (Pravin Raut) की 73 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन कुर्क की है। उसने कहा कि अचल संपत्तियां पालघर, दापोली, रायगढ़ और ठाणे में और उसके आसपास स्थित हैं।प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में संजय राउत और प्रवीण राउत दोनों को गिरफ्तार किया था। धन शोधन का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की प्राथमिकी से उपजा है।

गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) नाम की कंपनी को 672 किरायेदारों के पुनर्वास के लिए महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के गोरेगांव क्षेत्र में पात्रा चॉल के पुनर्विकास का काम दिया गया था। प्रवीण राउत इस कंपनी के निदेशक थे। ईडी ने एक बयान में कहा कि इस पुनर्विकास के दौरान “महत्वपूर्ण वित्तीय कदाचार” हुआ था। 

एजेंसी ने कहा, सोसायटी, म्हाडा और जीएसीपीएल के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें डेवलपर (जीएसीपीएल) को 672 किरायेदारों को फ्लैट प्रदान करना था, म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था और उसके बाद शेष भूमि क्षेत्र को बेचना था। जीएसीपीएल के निदेशकों ने हालांकि म्हाडा को गुमराह किया और 672 विस्थापित किरायेदारों के लिए पुनर्वास हिस्से और म्हाडा के लिए फ्लैटों का निर्माण किए बिना धोखाधड़ी कर 9 अन्य डेवलपर्स को फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) बेचकर 901.79 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की। 

इसमें आरोप लगाया गया है कि अपराध की आय का 95 करोड़ रुपये का एक हिस्सा जीएसीपीएल के निदेशक प्रवीण राउत ने अपने निजी बैंक खातों में डाला। इसमें दावा किया गया है कि उपरोक्त आय का एक हिस्सा सीधे किसानों या भूमि समूहकों से उनके (प्रवीण राउत के) नाम पर या उनकी फर्म प्रथमेश डेवलपर्स के नाम पर विभिन्न भूखंडों के अधिग्रहण के लिए उपयोग किया गया था। 

(एजेंसी)