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नवभारत ग्राफिक्स

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  • मराठा आरक्षण को क्या फिर मिल सकती है चुनौती 

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को लेकर चल रही मांग की वजह से राज्य में जबरदस्त राजनीतिक हलचल देखने को मिली। मराठा आरक्षण की मांग पर चल रहे आंदोलन ने हिंसक रूप भी ले लिया। करीब चार युवकों ने प्रदर्शन के दौरान आत्महत्या की। नेताओं के घर और कार्यालय पर हमले की खबर मिली। तो वहीं मुख्यमंत्री (Eknath Shinde) के आश्वासन के बाद मनोज जरांगे पाटिल (Jarange Patil) ने एक बार फिर अपने आंदोलन को गुरुवार को स्थगित कर दिया है। इससे पहले भी उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए अपने आंदोलन को स्थगित किया था। इस बार जरांगे पाटिल ने 2 जनवरी 2024 तक का वक्त शिंदे सरकार को दिया गया है। 

आरक्षण को पहले भी मिल चुकी है चुनौती 
अब ऐसे में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे लोगों के मन में अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिरकार मराठा आरक्षण को लेकर एकनाथ शिंदे की क्या रणनीति है। क्या वाकई मराठा आरक्षण की जो मांग राज्य में चल रही है वह पूरी हो पाएगी? दरअसल एकनाथ शिंदे की सरकार ने मनोज जरांगे पाटिल को यह आश्वासन दिया है कि मराठा आरक्षण को वह टिकाऊ बनाना चाहते हैं। आरक्षण लागू होने के बाद उसे कहीं से चुनौती न मिले और वह फिर से असंवैधानिक करार ना दिया जाए। आपको बता दें कि इससे पहले भी मराठा आरक्षण को लागू किया जा चुका है। पृथ्वीराज चौहान की सरकार और देवेंद्र फडणवीस की सरकार में मराठा आरक्षण को लागू किया गया था। हालांकि दोनों ही बार इसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। जिसके बाद आरक्षण लंबे समय तक टिक नहीं पाया। 

मराठा आरक्षण पर क्या है शिंदे की रणनीति
ऐसे में एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे पाटिल को यह आश्वासन दिया है कि उन्हें आरक्षण को लागू करने में देरी इसलिए हो रही है ताकि वह इसे टिकाऊ बना सकें। अब इसके पीछे उनकी रणनीति क्या है इसका खुलासा भी खुद एकनाथ शिंदे कर चुके हैं कि उन्होंने पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक समिति का गठन किया है जो इस विषय पर विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी और उसके बाद कानूनी तरीके से आरक्षण को लागू किए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

मराठा आरक्षण को क्या फिर मिल सकती है चुनौती 
ऐसे में यह अंदाजा लगाना कठिन नहीं है कि इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लगने वाला है। वहीं दूसरी तरफ गुणरत्न सदावर्ते की चुनौती को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि इससे पहले मराठा आरक्षण को कोर्ट में चुनौती देने वाले गुणरत्न सदावर्ते ने इस बार भी यह ऐलान किया है कि अगर मराठा आरक्षण लागू किया गया तो वह उसे फिर से चुनौती देने वाले हैं। 

मुंबई हाईकोर्ट में दायर याचिका 
गुणरत्न सदावर्ते ने हाल ही में मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने मराठा आरक्षण के दौरान प्रदर्शनकारियों पर एक्शन लेने की मांग की है। तो यह कहना गलत नहीं होगा कि मराठा आरक्षण के लिए जरांगे पाटिल को भले ही आश्वासन मिल गया हो, लेकिन मराठा आरक्षण लागू होने में अभी लंबा वक्त है और लागू होने के बाद भी उसे चुनौती मिलेगी।  इस बात का भी संकेत मिलने लगा है। ऐसे में शिंदे सरकार में लागू होने वाला मराठा आरक्षण मराठाओं को कितने वक्त तक आरक्षण की सुविधा दे पाएगा यह आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।