पाकिस्तान में आतंकियों का काल
मुंबई: आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) अब बेनकाब हो चुका है। पूरी दुनिया जानती है कि इस वक्त आतंकियों (Terrorists) को अगर कहीं आसानी से पनाह मिल सकती है तो वो पाकिस्तान है। पाकिस्तान में कई ऐसे आतंकी अब भी छिपे हैं, जिन्होंने मास्टर माइंड प्लान बनाकर भारत (India) पर कई हमलों को अंजाम दिया है। लेकिन अब इन आतंकियों के सर पर काल मंडराने लगा है। पाकिस्तान की गोद में फलफुल रहे इन आतंकियों को अब एक एक कर के ढेर किया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाकिस्तान में कई मोस्ट वॉन्टेड (Most Wanted) आतंकियों को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार के जान ले ली। लगातार हो रही आतंकियों के हत्या (Kill) की घटना से इस वक्त पाकिस्तान में बैठे कई सरगना दहशत में हैं। एक बात और भी गौर करने वाली है कि मारे जाने वाले आतंकियों में वो लोग हैं जो भारत की तबाही का सपना देखते थे या फिर किसी आतंकी हमले में शामिल थे।
कौन बन रहा है आतंकियों का काल
अब सवाल उठता है कि पाकिस्तान आतंकियों की पसंदीदा पनाहगाह थी, लेकिन अब इसमें खलल कौन डाल रहा है। कौन है जो एक-एक आतंकियों को मौत के घाट उतार रहा है। वैसे तो बता दें कि सिन्धुदेश रिवोल्यूशनरी आर्मी (SRA) ने सैयद खालिद रजा की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन उसके बाद भी कई जो मारे गए उनके पीछे कौन है यह अभी तक साफ़ नहीं हो पाया है। पाकिस्तान पुलिस इसे गोरिल्ला अटैक मान रही है। जिसमें बाइक सवार आते हैं और आतंकियों की हत्या कर निकल जाते हैं। लेकिन अब तक पाकिस्तानी सरकार ने खुलकर किसी का नाम नहीं लिया है।
इन आतंकियों की हो चुकी है हत्या
1- खालिद रजा अल बद्र
2- इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर
3. एजाज अहमद अहंगर
4- सैयद नूर शालोबर
5- मोहम्मद रियाज
6-परमजीत सिंह पंजवड़
7-अकरम गाजी
8-अकरम खान उर्फ अकरम गाजी
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास
तालिबान जब अगस्त 2021 में फिर से सत्ता में आया तो पाकिस्तान गदगद हो गया था। पाकिस्तान की ख़ुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने खुलकर उनका समर्थन किया था। पाकिस्तान ने उस वक्त इंटरनेशनल कम्युनटी से अपील कर नए शासकों से जुड़ने को कहा था। लेकिन इनके रिश्तों में खटास का दौर चल रहा है। यूं कहें तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस वक्त आमने-सामने हैं। दोनों देश की सैनिकों की अनबन की खबरें अक्सर मीडिया के माध्यम से आती रहती हैं। इस बीच यह भी एक रिपोर्ट सामने आई है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमले 60 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इन हमलों में अमेरिकी सैनिकों के छोड़े गए हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है।
तालिबान जब अगस्त 2021 में फिर से सत्ता में आया तो पाकिस्तान गदगद हो गया था। पाकिस्तान की ख़ुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने खुलकर उनका समर्थन किया था। पाकिस्तान ने उस वक्त इंटरनेशनल कम्युनटी से अपील कर नए शासकों से जुड़ने को कहा था। लेकिन इनके रिश्तों में खटास का दौर चल रहा है। यूं कहें तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस वक्त आमने-सामने हैं। दोनों देश की सैनिकों की अनबन की खबरें अक्सर मीडिया के माध्यम से आती रहती हैं। इस बीच यह भी एक रिपोर्ट सामने आई है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमले 60 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इन हमलों में अमेरिकी सैनिकों के छोड़े गए हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है।