Eid shopping in Mumbai

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-सैय्यद जाहिद अली रियासत 

मुंबई: जैसे-जैसे ईद-उल-फितर के दिन करीब आते जा रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोग खरीदारी (Shopping) भी तेजी से करने लगे हैं। दुकानदारों की मानें तो इस बार ईद (Eid) पर महंगाई (Inflation) की मार साफ देखी जा सकती है। मुस्लिम समाज के लोग भिंडी बाजार (Bhendi Bazaar) के नाखुदा मोहल्ला से खरीदारी को प्राथमिकता देते हैं। उसके बाद कुर्ला (Kurla) का लालबहादुर शास्त्री मार्ग (Lal Bahadur Shastri Marg) का नया भिंडी बाजार, जोगेश्वरी मार्केट में भीड़ जुटती है। भिंडी बाजार के नाखुदा मोहल्ला की खासियत है कि यहां मुस्लिम समुदाय की पसंद के परिधान सहज ही एक स्थान पर उपलब्ध हो जाते हैं।

इमामवाड़ा में पिछले 20 वर्षों से पठानी सूट का व्यापार कर रहे शेख रईस अहमद ने बताया कि पिछले दो साल से कोरोना का असर रमजान की खरीदारी पड़ा। इस बार खरीदारी पर महंगाई की मार पड़ रही है। होलसेल मार्केट बंद है, लोगों के पास पैसा नहीं है अगर वो खरीदना भी चाहे तो सूट की कीमत सुनकर आगे बढ़ जाते हैं। इसी तरह सूफियान, हारून और सलमान शेख भी कहते हैं कि ग्राहक बिल्कुल नहीं है।

टोपी की भी नहीं हो रही खरीदारी

120 साल पुरानी भिंडी बाजार की टोपी की पहली दुकान के मालिक तशफीन अब्दुल रहमान का कहना है कि उनके दादा अब्दुल्ला ने 1910 में भिंडी बाजार में पहली टोपी की दुकान शुरू की थी। उनका कहना है कि इस बार व्यापारियों ने काफी उम्मीदें की थी, लेकिन मंहगाई की मार ने मुस्लिम ग्राहकों की हालत खराब कर दी है। टोपी मुस्लिम समाज में जरूरी है, लेकिन अब उसकी भी खरीदारी नहीं हो रही है।

घर से नहीं निकल रहे खरीदार

कुर्ता पजामा और सूट के विक्रेता आदिल मेमन पिछले 21 साल से रमजान के महीने में स्टाल लगा रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि ईद करीब आ गई, लेकिन खरीदार घर से नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं। इसी तरह 70 साल पुराने जूस विक्रेता सोलंकी का कहना है कि पिछले दो वर्षों ने कोरोना ने मारा, इस बार ईद की खरीदारी पर महंगाई की मार पड़ी है।

सूरत-बडौदा से ही आए कपड़े

यहां तक की हर साल नाखुदा मोहल्ला में पाकिस्तानी सूट रमजान के महीने में आता था, लेकिन इस बार केवल सूरत और बड़ौदा से ही कपड़े आए हैं। रमजान के महीने में खरीदारी कम होने से दुकानदारों में मायूसी है, क्योंकि अब ईद के लिए दिन कम रह गए हैं, लेकिन खरीदार नदारद हैं।