maratha-reservation
मराठा आरक्षण

Loading

महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को लेकर महाराष्ट्र (Maharashtra News) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मराठा समुदाय की ओर से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है। वकील गुणरत्न सदावर्ते की पत्नी जयश्री पाटिल ने सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की है। अब बीड के गंगाधर कालकुटे ने कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। 

इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार, जस्टिस शुक्रे आयोग ने मराठा समुदाय अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट के मुताबिक मराठा समुदाय पिछड़ा हुआ है। इसलिए मराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी में जाने के योग्य हो गया है ऐसा गंगाधर कालकुटे का कहना है।

 

सरकार द्वारा दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण को ओबीसी वर्ग में शामिल किया जाए। गंगाधर कालकुटे ने यह भी कहा कि कोर्ट को कोई भी फैसला या सुनवाई करने से पहले मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारी मनोज पाटिल जरांगे का बयान कोर्ट को सुनना चाहिए और फिर फैसला लेना चाहिए। अपनी इसी मांग को लेकर उन्होंने कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। 

मराठा आरक्षण को लेकर वकील गुणरत्न सदावर्ते की पत्नी जयश्री पाटिल ने याचिका दायर की है। इसलिए मराठा समुदाय फिर से आक्रामक हो गया है। हमेशा के लिए एक वकील नहीं है। वे समाज में नफरत पैदा करने का काम कर रहे हैं, ऐसी प्रतिक्रियाएं मराठा समाज से आ रही हैं। 

पिछली बार भी सदावर्ते ने याचिका दायर की थी। लेकिन देवेन्द्र फड़णवीस ने हाई कोर्ट में उस आरक्षण को बरकरार रखा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण में गलतियां निकाली गई। इसलिए अब राज्य सरकार ने उन त्रुटियों को दूर करते हुए 10% आरक्षण दिया है। साथ ही राज्य सरकार ने यह गारंटी भी दी कि आरक्षण कायम रहेगा। इसके बावजूद भी याचिका दायर की गई है, ऐसा मराठा समुदाय के लोग कह रहे हैं।