मुंबई: लोकतंत्र में मतदान को एक पवित्र कर्तव्य के रूप में जाना जाता है। लेकिन यह सामने आया है कि राज्य में युवाओं में नए मतदाता के रूप में अपना नाम दर्ज कराने के प्रति काफी उदासीनता है। महाराष्ट्र में 18 से 19 आयु वर्ग के 45 लाख युवाओं में से केवल 8 लाख और 20 से 29 आयु वर्ग के 2 करोड़ 28 लाख में से केवल 1 करोड़ 64 लाख युवा मतदाता पंजीकृत हैं। इस संख्या पर नजर डालें तो आगामी आम चुनाव को देखते हुए 1 करोड़ से ज्यादा युवा अभी भी मतदाता सूची से बाहर हैं। वर्तमान में राज्य में सभी आयु वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या 9 करोड़ 40 लाख 55 हजार 217 है और 30 अप्रैल 2023 तक पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या 9 करोड़ 03 लाख 02 हजार 062 है। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराते वक्त 32 लाख वोटरों की तस्वीरें अच्छी नहीं थीं। इनमें से 4 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं और अगर वे अच्छी फोटो देंगे तो उनका नाम दोबारा शामिल कर लिया जाएगा। 31 लाख से ज्यादा वोटर ऐसे हैं जो 80 साल से ज्यादा उम्र के हैं। 23 फीसदी ऐसे वोटरों के नाम छूट गए हैं जिनकी मौत हो चुकी है या दूसरी जगह चले गए हैं। 40 लाख वोटर्स में से एक ही फोटो वाले 12.50 लाख वोटर्स को मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया है।
एक पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू करने का फैसला
मतदाता पंजीकरण में गिरावट को देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में युवाओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 21 जुलाई से 21 अगस्त 2023 के बीच मतदाता नामांकन के लिए एक पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। चुनाव अधिकारी मतदाताओं को पंजीकृत करने के लिए 21 जुलाई से 21 अगस्त 2023 के बीच घर-घर जाकर दौरा करेंगे। अगर किसी को मतदाता पंजीकरण को लेकर कोई दावा या आपत्ति है तो वह 17 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच आवेदन कर सकता है। मतदाताओं की अंतिम सूची 5 जनवरी 2024 को प्रकाशित की जाएगी।
मतदाता पंजीकरण का फिर से निरीक्षण करने के कार्यक्रम की घोषणा की गई है। राजनीतिक दलों से चर्चा की है और उन्हें विस्तृत जानकारी दी गई है। नए पुनरीक्षण कार्यक्रम में मतदाताओं की संख्या बढ़ने की संभावना है। राज्य के सभी कॉलेजों में मतदाता पंजीकरण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा ताकि युवा इसमे में भाग ले और मतदाता सूची में नाम दर्ज करा सकें।
श्रीकांत देशपांडे, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी