Ajit Pawar and Sharad Pawar
अजित पवार और शरद पवार

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मुंबई: राकां (NCP) में फूट के बाद पार्टी पर कब्ज़ा करने के लिए चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) और भतीजे अजीत पवार (Ajit Pawar) के बीच जबरदस्त माइंड गेम चल रहा है. इस मुद्दे पर सोमवार को एक बार फिर चुनाव आयोग में सुनवाई होगी. वहीँ सूत्रों की माने तो शरद पवार अपने भतीजे अजीत पवार को मात देने के लिए एक मास्टर प्लान पर काम कर रहे हैं.

इसके मुताबिक राकां को कांग्रेस में विलय किया जा सकता है. 6 अक्टूबर को चुनाव आयोग में सुनवाई से पहले पवार अचानक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (National President Mallikarjun Kharge) से उनके दिल्ली निवास पर मुलाकात की. इस मीटिंग में कांग्रेस के सुपर अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. चर्चा इस बात की है कि पवार ने कांग्रेस इन दोनों टॉप लीडर्स के साथ पार्टी के विलय पर चर्चा की है.

विलय की राह में चुनौतियां

  • क्या शरद पवार पिछले कई सालों से महाराष्ट्र समेत पूरे राष्ट्र में बनाए गए कैडर को कांग्रेस के हवाले करेंगे.
  • विलय के बाद शरद पवार का रोल क्या होगा क्या इस प्रस्ताव के लिए शरद पवार गुट के बाकी नेता तैयार होंगे.
  • क्या सिर्फ अजीत गुट को हड़काने के लिए पवार ने यह शिगूफा छोड़ा है.

न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी

शरद पवार न न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी की तर्ज पर अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर पूरे मुद्दे को खत्म करने की योजना बना रहे हैं. ताकि अजीत पवार को कुछ भी हासिल न हो. अजीत का दावा है कि पार्टी के 40 विधायक उनके साथ हैं. ऐसे में पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर उनके गुट का हक बनता है.

सोनिया गांधी नहीं रहीं मुद्दा : शरद पवार ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से अलग होकर राकों का गठन किया था.लेकिन अब सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है. साथ ही अब इस बात को लेकर पवार और सोनिया के बीच कोई कटुता नहीं है. ऐसे में अगर पवार अपनी पार्टी नहीं है. ऐसे में पवार अगर कांग्रेस के साथ विलय पर विचार करते हैं तो किसी का विरोध नहीं होगा..  

शरद पवार का डर

शरद पवार को इस बात का डर सता रहा है कि केंद्रीय चुनाव आयोग शिवसेना की तर्ज पर पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को अजीत पवार गुट को दे सकती है. अगर ऐसा होता है तो फिर पवार की इमेज को बड़ा झटका लगेगा. इसी को ध्यान में रख कर अब उन्होंने कांग्रेस के साथ पार्टी के विलय करने का विकल्प भी खोल रखा है.