ST BUS
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    मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (ST) का सरकार के साथ विलय की राह मुश्किल है। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में एसटी के विलय (Merger) को लेकर गठित समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में एसटी के सरकार के साथ विलय की संभावनाओं को खारिज किया है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कैबिनेट की बैठक में इस रिपोर्ट को पेश किया गया। रिपोर्ट को सदन में पेश किए जाने के बाद अब इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

    रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार शुक्रवार को सदन में बयान देगी। उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एसटी निगम का राज्य सरकार में विलय संभव नहीं है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सदन में स्पष्ट किया था कि एसटी का सरकार में विलय संभव नहीं है। सरकार के इस रुख से उन एसटी कामगारों को बड़ा झटका लगा है जो सरकार के साथ विलय की मांग को लेकर पिछले चार महीनों से  हड़ताल पर डटे हुए हैं।

    मुद्दे को सुलझाने के लिए 15 दिन का समय

    मंगलवार को हाईकोर्ट में एसटी निगम विलय याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि बजट सत्र जारी रहने के कारण फैसला लेने में देरी हो रही है। ऐसे में एसटी कामगारों के  हड़ताल के बारे में फैसला लेने के लिए राज्य सरकार ने और 15 दिन का समय मांगा है। अदालत ने राज्य सरकार को एक अप्रैल तक हलफनामा दाखिल करने और 5 अप्रैल को अगली सुनवाई पर जवाब देने का निर्देश दिया। इससे पहले परिवहन मंत्री अनिल परब ने विधान परिषद में कहा था कि समिति ने एसटी कामगारों को लेकर जो वित्तीय प्रावधान किए हैं। उसकी मंजूरी कैबिनेट में ली जाएगी। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने क्या फैसला लिया । अब सबकी नजरें शुक्रवार को सरकार के निवेदन पर टिकी है कि आखिर बजट सत्र के आखिरी दिन सरकार एसटी कामगारों को लेकर क्या घोषणा करती है।  

    नाशिक में एक एसटी कर्मचारी ने की आत्महत्या

    इस बीच, नाशिक में एक एसटी कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।  एसटी कर्मचारी का नाम शिवनाथ फापाड़े है। एसटी कामगारों का विलय की मांग को लेकर पिछले चार महीने से आंदोलन चल रहा है। ऐसे में लगातार एसटी कामगारों की आत्महत्या की खबर के बाद इस मुद्दे को सुलझाने को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ गया है।