Practical Exams

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    मुंबई: राज्य में गैर शिक्षक कर्मचारियों (Non-Teaching Staff ) के आंदोलन का असर 12वीं के छात्रों पर पड़ा है। कई छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा (Practical Examination) रोक दी गई है।12वीं बोर्ड की लिखित परीक्षा (12th ‍Board Written Exams) सिर्फ 7 दिन दूर है। छात्र चिंतित हैं, क्योंकि कई छात्रों की प्रायोगिक परीक्षा अभी तक पूरी नहीं हुई है। शिक्षकों का कहना है कि 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं 1 फरवरी से शुरू हुई हैं, लेकिन लैब असिस्टेंट नहीं हैं, ऐसे में प्रैक्टिकल परीक्षा कैसे ली जाए। इस आंदोलन से शिक्षा विभाग और बोर्ड को बड़ा झटका लगा है। 

    इससे 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे कक्षाओं के शिक्षक भी परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर बिना लैब असिस्टेंट के कैसे प्रायोगिक परीक्षा ली जाए।

    असमंजस में छात्र

    12वीं बोर्ड की लिखित परीक्षा 21 फरवरी से शुरू होने वाली है। प्रैक्टिकल परीक्षा 16 फरवरी तक पूरी होने की उम्मीद थी। गैर शिक्षक कर्मचारियों के आंदोलन के कारण कई कॉलेजों में इन प्रायोगिक परीक्षाओं को कराने में मुश्किलें आ रही हैं। बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स जैसे विषयों की प्रैक्टिकल परीक्षा कराने की जिम्मेदारी लैब असिस्टेंट की होती है। इस आंदोलन के कारण लैब सहायक उपलब्ध नहीं होने से परेशानी हो रही है। कई छात्रों की तीन से चार विषयों की प्रायोगिक परीक्षा बाकी है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों का हो रहा है। हड़ताल के कारण छात्र असमंजस में फंसे हुए हैं।  उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि प्रायोगिक परीक्षा की तैयारियां करें या 21 फरवरी से होने वाली लिखित परीक्षा की।

    तनाव में हैं छात्र

    कई छात्रों का कहना है कि वे वेहद तनाव में हैं। अभिभावक भी अपने बच्चों को लेकर परेशान हैं। वे बच्चों को तरह-तरह के ढाढस दे रहे हैं। वे अपने बच्चों को कह रहे हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है। सब समस्याएं ठीक हो जाएंगी, लेकिन प्रायोगिक परीक्षा अधर में लटकने से छात्र चिंतित हैं।

    मुंबई बोर्ड का आश्वासन

    मुंबई बोर्ड ने सफाई दी है कि 12वीं बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कई कॉलेजों में प्रायोगिक परीक्षाएं समय पर संपन्न हो चुकी हैं और कुछ कॉलेजों में परीक्षाएं 20 फरवरी तक संपन्न हो जाएंगी। इसके अलावा मुंबई बोर्ड ने कहा है कि कॉलेजों को पूरी मदद की जाएगी। हालांकि बोर्ड से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलने से प्राचार्य और शिक्षक मायूस हो रहे हैं।

    तत्काल खोजें समाधान

    कई शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि राज्य सरकार को इस संबंध में तत्काल कोई हल निकालना चाहिए और उपयुक्त समाधान खोजने की आवश्यकता है, जिससे छात्रों को किसी भी प्रकार की शैक्षिक हानि न हो। यदि गैर शिक्षक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहा तो 12वीं बोर्ड की लिखित परीक्षाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।

    गैर शिक्षक स्टाफ की प्रमुख मांगें 

    • कॉलेजों के गैर शिक्षक स्टाफ के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया जाए
    • महाविद्यालय में गैर शिक्षक कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की जाए
    • गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए