मुंबई: रेलवे के किनारे बसे झोपड़ावासियों का पुनर्वास (Rehabilitation) राज्य सरकार की नीतियों (State Policy) के अनुसार हो, ऐसा प्रस्ताव रेलवे (Railway) द्वारा केंद्र को भेजा जाए। ऐसा निर्देश राज्य के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने (Jitendra Awhad) दिया है। रेलवे और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के मंत्रालय स्थित उनके आवास पर बैठक की गई।
गृहनिर्माण मंत्री आव्हाड ने कहा कि राज्य सरकार की स्लम पुनर्वास योजना के तहत रेलवे अधिकारी पुनर्वास के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजें। 2018 के फैसले के अनुसार 2011 तक झोपड़ियों को सरंक्षण का निर्णय हुआ है। इसके अनुसार रेलवे से सटी हुई झोंपडिय़ों का भी पुनर्वास होगा।
केंद्र करे मदद
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि स्लम पुनर्वास के लिए राज्य सरकार की नीति है। उसी के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाए। रेलवे की उपेक्षा के कारण बनी झोपड़ियों की वित्तीय जिम्मेदारी राज्य सरकार नहीं ले सकती है। प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य योजनाओं के तहत यह जिम्मेदारी राज्य सरकार नहीं लेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रेलवे के पास के घरों को खाली करने का नोटिस भेजा गया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार की योजना के तहत लोगों का पुनर्वास किया जाए। बैठक में प्रमुख शहरी विकास सचिव भूषण गगरानी, प्रमुख सचिव आवास मिलिंद म्हैस्कर, मध्य रेलवे के मुख्य अभियंता राजीव मिश्रा, पश्चिम रेलवे के मुख्य अभियंता अमित गुप्ता, अपर मंडल रेल प्रबंधक अवनीश वर्मा उपस्थित थे।