अजित पवार के जांच की मांग, भतीजे रोहित पवार ने पुलिस की जमीन मामले पर साधा निशाना

Loading

मुंबई/पुणे: पुणे के पूर्व  पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवणकर ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि डिप्टी सीएम अजीत पवार (Ajit Pawar) ने पुलिस विभाग की तीन एकड़ जमीन (Police Land) बिल्डर को देने के लिए उन पर दबाव बनाया था। इस आरोप के बाद छोटे पवार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। अब अजित पवार के भतीजे रोहित पवार (Rohit Pawar) ने कहा कि मेरी फैक्ट्री को लेकर मैं जांच के दायरे में हूं तो फिर सत्ता में बैठे लोगों की जांच शुरू करने में क्या गलत है। 
 
इस बयान के साथ रोहित ने अपने चाचा के जख्मों पर नमक रगड़ने का काम किया है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने रोहित की कंपनी  बारामती एग्रो लिमिटेड पर प्रदूषण के मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में क्लोजर नोटिस दिया है। तब से रोहित तमतमाए हुए हैं। यही वजह है कि उन्होंने राकां अध्यक्ष शरद पवार की तरफ से मोर्चा संभालते हुए अब अजित पवार के खिलाफ जांच की मांग कर दी है। फ़िलहाल फैक्ट्री को बंद करने के मामले में रोहित को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली हुई है।  

 
मेरी कोई भागीदारी नहीं
उपमुख्यमंत्री अजित पवार का कहना है कि जमीन की कीमत रेडी रेकनर के मुताबिक तय की जाती है। इसलिए इस मामले में मेरी कोई भागीदारी नहीं है। भले ही वे मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश करें, मुझे इसकी चिंता नहीं है। 
 
 
जुटाएंगे जानकारी
डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर की किताब नहीं पढ़ी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही वे रिएक्शन देंगे। 
 
सबूत पेश करो नहीं तो मानहानि का मुक़दमा
अजित पवार गुट की महिला नेता रुपाली चाकणकर ने चुनौती देते हुए कहा कि उनके नेता पर लगाए गए आरोप को साबित करने के लिए सबूत पेश किए जाएं नहीं तो हम पूर्व पुलिस कमिश्नर के खिलाफ मानहानि का मुक़दमा दायर करेंगे। 
 
किताब में ‘दादा’ कौन
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर ने अपनी किताब में पुलिस  भूमि घोटाले का मुद्दा उठाया और उल्लेख किया कि तत्कालीन पालकमंत्री ‘दादा’ का इसके लिए दबाव था। यह खुलासा होना बेहद जरूरी है कि यह दादा कौन हैं। भाजपा के कुछ लोगों ने फोन टैपिंग मामले में फंसे पुलिस अधिकारी को पुलिस महानिदेशक बनाने की तैयारी कर ली है। राज्य में क्या चल रहा है। अगर कोई अधिकारी घोटाले के बारे में बयान देता है तो आप उसके खिलाफ विरोध की धमकी कैसे दे सकते हैं। जब कुछ किया ही नहीं तो फिर डर किस बात का है।
 
क्या है आरोप
मीरा बोरवणकर ने अपनी किताब ‘मैडम कमिश्नर’ में सनसनीखेज दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि साल 2010 में येरवडा में पुलिस की जमीन एक बिल्डर को देने का प्रस्ताव रखा गया था।  तत्कालीन पालक मंत्री (अजित पवार) ने इस जमीन को एक बिल्डर को हस्तांतरित करने के लिए मुझ पर दबाव बनाया था। लेकिन मैंने इससे इनकार कर दिया था। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री आर. आर. पाटिल ने मुझसे कहा था कि मैं इसमें न पड़ूं।