महाराष्ट्र: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिंदे सरकार (Shinde Government) कैसे सत्ता में आई यह पूरी महाराष्ट्र की जनता जानती है। जी हां जैसा कि हम सब जानते शिवसेना में विभाजन के बाद महाराष्ट्र में नया राजनीतिक (Maharashtra Politics) समीकरण उभर कर सामने आया है। शिंदे गुट ने बीजेपी से हाथ मिलाया और राज्य में सत्ता स्थापित की। शिंदे गुट को मुख्यमंत्री का पद भी मिला।
शिंदे गुट के नेताओं को लगा कि अब महाराष्ट्र में अपनी सरकार है तो किसी से भी आसानी से मुलाकात की जा सकती है। हालांकि, शिंदे गुट के एक विधायक को चौंकाने वाला अनुभव हुआ है। जी हां आपको बता दें कि विधायक को मंत्रालय के एक गेट पर सीधे प्रवेश से रोक दिया गया। इस घटना से सभी चौंक गए है। आइए जानते है आखिर शिंदे गुट का वो कौन सा नेता है जिसे मंत्रालय में जाने के लिए एंट्री नहीं मिली।
‘इस’ विधायक को नहीं मिली एंट्री
शिंदे गुट के सबसे चर्चित शिवसेना विधायक संजय शिरसाट (Shiv Sena MLA Sanjay Shirsat) का ये अनुभव हुआ है। दरअसल मंत्रालय की सुरक्षा में तैनात पुलिस से उनकी नोकझोंक हुई। लेकिन पुलिस ने उन्हें एंट्री नहीं दी। इस बात से शिरसाट बेहद परेशान हो गए। आखिरकार राज्य के लोक निर्माण मंत्री दादा भुसे ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। लिहाजा इस मामले को शांत किया, लेकिन कहा जाता है कि जब उनकी ही सरकार है फिर भी उनके साथ इस इस तरह का व्यवहार किया गया इससे संजय शिरसाट आहत हुए।
जानें क्या है माजरा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि कल कैबिनेट की बैठक थी। इस बैठक के चलते मंत्रालय क्षेत्र में भीड़ लग गई। दोपहर करीब 2। 30 बजे विधायक संजय शिरसाट अपनी कार से मंत्रालय के ‘जनता जनार्दन’ (मुख्य) प्रवेश द्वार पर पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उनकी कार रोक ली। सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ने शिरसाट से कहा कि आप यहां से नहीं जा सकते, आपको गार्डन गेट से होकर जाना होगा। इस पर शिरसाट भड़क गये। उनका क्रोध बढ़ गया। उन्होंने कहा, ”मैं एक विधायक हूं। तुम जानते है हो क्या? यह नियम किसने बनाया? पिछले 15 साल से मैं यहां से आता-जाता रहा हूं। तब मुझे कभी नहीं रोका गया। अब आप ऐसे कैसे रोक सकते हैं?’ बता दें कि उन्होंने भी उसी मुख्य द्वार से जाने पर जोर दिया। इस वजह से यह मामला और गरमाया।
ऐसे शांत हुआ मामला
जी हां इस दौरान संजय शिरसाट और पुलिस के बीच खूब नोकझोंक हुई। पुलिस लगातार शिरसाट को समझाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन शिरसाट सुनने को तैयार नहीं थे। पुलिस ने शिरसाट को समझते हुए बताया कि मंत्रालय सुरक्षा नियमों में बदलाव किया गया है। मुख्य प्रवेश द्वार से केवल मंत्रिस्तरीय वाहनों को अनुमति है। पुलिस ने शिरसाट को बताया कि नियम बनाया गया है कि विधायकों और अन्य लोगों की गाड़ियां गार्डन गेट से प्रवेश कर सकती हैं और अरसा गेट से बाहर निकल सकती हैं।
चर्चा जोरों पर
लेकिन शिरसाट ने कुछ नहीं सुना। पुलिस और शिरसाट के बीच विवाद जारी रहने से गेट पर भीड़ लग गई। तब दादा भुसे ने हस्तक्षेप कर विवाद पर पर्दा डाल दिया। हालांकि, शिरसाट को लोग अच्छे ही आक्रमक हो गए थे। अब इसकी चर्चा जोरों पर हो रही है।