Chikungunya

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    मुंबई: मुंबई में कोरोना (Corona) के साथ बरसात में अब संक्रामक रोग (Infectious Disease) से पीड़ित मरीजों (Patients) की संख्या भी बढ़ने लगी हैं। भले ही वर्षा जनित बीमारियों से मरीजों की संख्या बढ़ रही हो, लेकिन अभी तक एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बीएमसी (BMC) का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।

    बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई में पिछले जून महीने की तुलना में जुलाई के अंत तक महामारी से पीड़ित मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जून माह में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 2, मलेरिया के मरीजों की संख्या 350, लेप्टो के मरीजों की संख्या 12, डेंगू के मरीजों की संख्या 39, गैस्ट्रो के मरीजों की संख्या 543, पीलिया के मरीज 64 थी। चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या 1 थी, लेकिन 1 से 24 जुलाई की अवधि के दौरान संक्रामक रोग से पीड़ित मरीजों के रिकॉर्ड की जांच करें, तो यह देखा जा सकता है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में 60 की वृद्धि हुई है। उसके बाद मलेरिया के मरीजों की संख्या में 47 का इजाफा हुआ है। इस समय मरीजों की संख्या 397 है। 

    लेप्टो, डेंगू के मरीजों में भी हुआ इजाफा

    लेप्टो मरीजों की संख्या 34 बताई गई थी, इसलिए मरीजों की संख्या में पिछले महीने की तुलना में 22 की वृद्धि हुई है। साथ ही डेंगू के मरीजों की संख्या 50 हो गई है। जून की अपेक्षा डेंगू के मरीजों की संख्या में भी 11 का इजाफा हुआ है। जून और जुलाई के अंत तक चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या 1 ही है।

    गैस्ट्रो, पीलिया के मरीजों की संख्या में आई कमी

    जून 2022 में गैस्ट्रो के 543 और पीलिया के 64 मामले सामने आए थे। इसके विपरीत जुलाई के अंत तक गैस्ट्रो से पीड़ित मरीजों की संख्या 524 दर्ज की गई है। गैस्ट्रो के मरीजों की संख्या में 19 की कमी आई है। पीलिया से पीड़ित मरीजों की संख्या 55 दर्ज की गई है, इसलिए यह स्पष्ट है कि पीलिया के मरीजों की संख्या में 9 की कमी आई है।