Devendra Fadnavis

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नागपुर. महाराष्ट्र (Maharashtra) की उपराजधानी नागपुर (Nagpur) के चकदोह (Chakdoh) में विस्फोटक बनाने वाली सोलर इंडस्ट्रीज (Solar Company Blast) में रविवार को विस्फोट हो गया, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। सोमवार को विधानसभा में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस घटना पर अपडेट साझा किया। उन्होंने कहा कि घटना के पहले और बाद की पूरा CCTV फुटेज फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद अंतिम कार्रवाई की जाएगी।

विधानसभा में सोलर इंडस्ट्रीज में हुए विस्फोट के बारे में बोलते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “धमाके से पहले और बाद का पूरा CCTV मौजूद है। फोरेंसिक विभाग ने वहां से सभी नमूने ले लिए हैं। नियम 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद अंतिम कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक स्थिति के अनुसार, CCTV फुटेज के अनुसार यह तोड़फोड़ नहीं लग रही है, लेकिन अंतिम फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद ऐसा कहा जा सकता है।”

महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के सदस्यों ने आज विधान परिषद में ‘सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया’ पर (Solar Blast Case) श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में चूक का आरोप लगाया और औद्योगिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विपक्षी दलों के सदस्यों ने आरोप लगाया कि फैक्टरी में श्रमिकों का लंबे समय से शोषण किया जा रहा है और उन्हें मानदंडों के अनुसार न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता है। कांग्रेस के एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) ने कहा कि कंपनी में पहले भी इसी तरह की घटनाएं हुई थीं, जबकि विपक्षी नेता अंबादास दानवे (शिवसेना-यूबीटी) ने कहा कि फैक्टरी में अनिवार्य सुरक्षा अभ्यास नहीं किए गए थे।

दानवे ने जवाबदेही तय करने के लिए नागपुर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब करने और औद्योगिक सुरक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य शशिकांत शिंदे ने फैक्टरी के सुरक्षा रिकॉर्ड के बारे में भी बात की। शिंदे ने कहा, “यह पहली बार नहीं है कि फैक्टरी में विस्फोट हुआ है। पहले भी ऐसी दो घटनाएं हो चुकी हैं।”

फैक्टरी द्वारा पीड़ितों को 20 लाख रुपये और राज्य सरकार द्वारा पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा का जिक्र करते हुए शिंदे ने आश्चर्य जताया कि क्या सरकार निर्दोष लोगों के जीवन की “कीमत” लगा रही है। उन्होंने कहा, “कंपनी में लगभग 4,000 कर्मचारी दैनिक वेतन के आधार पर मात्र 10,000 रुपये प्रति माह पर काम कर रहे हैं।” उन्होंने कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों के लिये स्थायी रोजगार की मांग की। (एजेंसी इनपुट के साथ)