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    नागपुर. हड़ताल पर गए कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का क्रम सप्ताह के अंतिम दिन भी रहा. शनिवार को एसटी महामंडल ने करीब 15 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. इनमें 9 चालक,3 वाहक और 3 चालक/वाहक शामिल हैं. अब कुल बर्खास्त एसटी कर्मचारियों की संख्या 355 हो चुकी है. इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए हैं. उनका कहना है कि महामंडल के अधिकारी उन पर कितना भी जुल्म कर लें वे पीछे नहीं हटेंगे. उन्हें आगामी माह फरवरी में कोर्ट के फैसले का इंतजार है. 

    हालांकि महामंडल के अधिकारी फरवरी में कोर्ट की तरीख को अफवाह बता रहे हैं. इसके पीछे उनका तर्क है कि बीते दो महीनों में फैसले से संबंधित कई तारीखों की अफवाह फैलाई गई. उनमें कुछ  नहीं हुआ. इसका मतलब यह है कि कर्मचारी संघ के नेता हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को झूठा दिलासा देने के लिए यह सब कर रहे हैं. महामंडल ने बिना बताए अवकाश पर गए कर्मचारियों से बिना शर्त नौकरी पर लौटने की बात फिर कही है. ताकि उनकी नौकरी बच सके. इधर कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि अब कोई कर्मचारी नौकरी पर नहीं लौटेगा क्यों कि वो जान चुका है कि उसके साथ धोखा हो चुका है. सभी मिलकर हड़ताल पर रहेेंगे. ताकि जल्द परिणाम आ सके. 

    8 रूटों पर चलाईं 71 बसें

    महामंडल ने शनिवार को 8 रूटों पर करीब 71 बसें चलाईं. इनमें गणेश पेठ23, इमामवाड़ा-7, घाटरोड-21, उमरेड-4, सावनेर-7, वर्धमान-5, रामटेक-3, कोटोल के लिए 1 बस चलाई गई.  इन बसों ने 204 फेरियां की. इनमें करीब 8032 लोगों ने यात्रा की. साथ ही महामंडल को 670014 रुपए की कमाई भी हुई. इस दौरान बसाें ने 19706 .3 किलोमीटर की यात्रा भी की. हालांकि यह बसें सिर्फ शहरी क्षेत्र के लिए चलाई जा रही हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोग अभी भी प्राईवेट बसों पर निर्भर हैं. उन्हें एसटी बसों के चलने का इंतजार है. लेकिन महामंडल के पास कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण बसों को चलाने में  दिक्कतें आ रही हैं. 

    यह है बर्खास्तगी का आंकड़ा

    चालक 158

    वाहक 145

    चालक और वाहक 16

    यांत्रिक  29

    प्रशासकीय 7

    कुल  355