Ajit Pawar

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नागपुर. मविआ सरकार में जब अजीत पवार डीसीएम व वित्त मंत्री थे तब भाजपा व शिवसेना के विधायकों द्वारा आरोप लगाया जाता था कि पवार केवल राकां विधायकों को भरपूर निधि दे रहे हैं और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे से अलग होने वाले शिंदे गुट ने भाजपा के साथ जाने के निर्णय का यही कारण भी बताया था. अब जब पवार शिंदे-फडणवीस गुट के साथ सरकार में आ गए हैं और डीसीएम हैं, उनके पास वित्त विभाग भी है.

मविआ छोड़कर युति सरकार में शामिल होने के बाद अब भी विधायकों के साथ निधि वितरण में भेदभाव जारी है लेकिन पार्टियां बदल गई हैं. हाल ही मानसून सत्र में सरकार ने पूरक मांगें मंजूर की हैं लेकिन उसमें नागपुर जिले के कांग्रेस विधायकों व एकमात्र राकां विधायक को उनके क्षेत्र के लिए पूरक मांग में एक रुपया भी नहीं दिया. चर्चा है कि विपक्ष के विधायकों को निधि देने में फिर सरकार द्वारा अन्याय किया जा रहा है. 

केदार, देशमुख को भी जीरो

जिले में 4 कांग्रेस व एक राकां शरद पवार गुट के विधायक हैं. पूरक मांगों में केवल उमरेड के कांग्रेस विधायक राजू पारवे के मतदान क्षेत्र विकास के लिए 22 करोड़ की निधि दी गई जबकि सुनील केदार, नितिन राऊत और विकास ठाकरे को एक रुपया भी नहीं दिया गया. संभवत: उमरेड आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के चलते 22 करोड़ रुपये मंजूर किया गया. इतना ही नहीं अजीत पवार द्वारा वित्त मंत्री बनते ही अपने गुट के सभी राकां विधायकों सहित शरद पवार गुट के विधायकों को भी भरपूर निधि दी गई लेकिन काटोल विधायक व पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को एक रुपया भी नहीं दिया. देशमुख शरद पवार के साथ हैं. इस भेदभाव को लेकर कई तरह की चर्चा चल रही है.

भाजपा विधायक लबालब

जिले के सभी भाजपा विधायकों पर अतिरिक्त निधि की बारिश हुई है कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. कामठी के विधायक टेकचंद सावरकर के क्षेत्र में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए सबसे अधिक 87 करोड़ रुपये दिये गए हैं. चर्चा है कि प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का क्षेत्र होने के चलते यह विशेष कृपा की गई है. दूसरा स्थान हिंगना से भाजपा विधायक समीर मेघे का रहा. पूरक मांगों के तहत ग्रामीण सड़कों के लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर किये गए. मोहन मते, कृष्णा खोपड़े को 10-10 करोड़ रुपये और विकास कुंभारे के मतदान क्षेत्र के लिए 15 करोड़ रुपये की निधि दी गई है. कुंभारे को दलित वस्ती विकास अंतर्गत 5 करोड़ रुपये अतिरिक्त मंजूर किये गए हैं. हालांकि खोपड़े ने बताया कि नगर विकास (16) के तहत शहरी विधायकों को प्रत्यके 10-10 करोड़ रुपये दिये गए हैं.