Aadhaar registration of stuck children, delay in registration of 19,000 children
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  • आधार कार्ड से बैंक खाता साफ होने का खतरा

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नागपुर. शहर में कबाड़ियों के यहां मिले आधार कार्डों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. उन्हें डर लग रहा है कि कहीं इस गोपनीय दस्तावेज के माध्यम से उनके बैंक खाते से रकम तो नहीं निकल जाएगी. क्योंकि सरकार ने आजकल सभी फाइनेंशियल गतिविधियां आधार से जोड़ दी हैं. वैसे भी साइबर ठग इतने शातिर होते हैं कि जरा से क्लू से वो किसी की भी जानकारी हासिल कर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में ऑरिजनल आधार कार्ड अगर किसी शातिर अपराधी के हाथ लग गया तो क्या होगा?.

नर्मदानगर निवासी संजय पाटिल का कहना है कि उन्होंने अपने आधार कार्ड में करीब 20 दिन पहले पते में बदलाव कराया था. क्योंकि पहले वे किराये के मकान में रहते थे अब खुद का घर खरीद लिया है. पता अपडेट उन्होंने ऑनलाइन किया था. इसके बाद उनके पास 8 से 10 दिन के अंदर डाक के माध्यम से नया आधार कार्ड मिलना चाहिए था लेकिन 20 दिनों से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी तक उनका आधार नहीं आया है. ऐसे में कबाड़ी के पास सोमवार को मिले आधार कार्डों ने चिंता बढ़ा दी है.

सुबह से ही ट्रेस करने में जुटे

जिन शहरवासियों ने नए आधार कार्ड के लिए ऑर्डर किया था वे अब डाक विभाग में जाकर उसका पता करने में लगे हैं. स्नेहनगर निवासी आशुतोष भोंडे का कहना है कि अभी संबंधित डाकखाने जा रहा हूं. अगर वहां आधार आया है और उनके पास नहीं पहुंचा है तो वे इस मामले में एफआईआर करने से भी नहीं चूकेंगे. हम विश्वास के साथ अपने गोपनीय दस्तावेज मंगा रहे हैं. इसके एवज में राशि भी दे रहे हैं. फिर भी इतनी बड़ी लापरवाही हो यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है. हालांकि घटना उजागर होने के बाद डाक विभाग भी हरकत में आ गए हैं, वे अपने हिसाब से कार्रवाई करने में जुटे हैं.

यह तो महज शुरुआत है

पोस्ट ऑफिस से रिटायर्ड हुए आनंद तलेगांवकर बताते हैं कि कहीं न कहीं बड़ी लापरवाही जरूर हुई है. आधार अत्यंत गोपनीय दस्तावेज है. इसी कारण इसे बहुत ही जिम्मेदारी से भेजा जाता है. पता अगर समझ नहीं आ रहा होता है तो इसी कारण संबंधित व्यक्ति का मोबाइल नंबर भी इस पर दर्ज होता है जिससे उसे पहुंचाने में आसानी हो. अगर फिर भी कुछ दिक्कत है तो उसे वापस भेजने का प्रावधान है. किसी कबाड़ी को इस तरह का महत्वपूर्ण दस्तावेज बेचना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. हो सकता है कि यह सिर्फ नमूना हो. पता नहीं कबाड़ियों के गोदाम में कितने आधार सड़ रहे हों. या कुछ शातिर अपराधियों के हाथ  लग गए हों, यह तो जांच का विषय है.