Delhi AIIMS
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    • 135वें स्थान पर लैंगिग असामनता में भारत 
    • 30 फीसदी महिलाएं जीवनसाथी से प्रताड़ित 

    नागपुर. मानव समाज जाति, धर्म, देश और लिंग सहित अनेक भागों में विभाजित है. भारत दुनिया में सबसे अधिक लैंगिक असमानता वाले देशों में से एक है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत दक्षिण एशिया के 146 देशों में 135वें स्थान पर है. कुछ अध्ययनों से पता चला कि महिलाओं में अवसाद की व्यापकता 15.9 फीसदी है. दुनिया भर में 15 वर्ष से अधिक उम्र की औसतन 30 फीसदी महिलाओं को अपने जीवनसाथी के साथ हिंसा का सामना करना पड़ा. 

    सामुदायिक चिकित्सा विभाग, एम्स ने अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेला, उमरेड ब्लॉक तक बढ़ा दिया है. एम्स की निदेशक डॉ. विभा दत्त के मार्गदर्शन में सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने महिला सशक्तिकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से उमरेड ब्लॉक के स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को सशक्त बनाने के लिए भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) द्वारा वित्त पोषित परियोजना लागू की है. इस परियोजना से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेला और बोरखेड़ी जलग्रहण क्षेत्र की लगभग 700 महिलाओं को लाभ मिलेगा. 

    एम्स अस्पताल ने (आईसीएसएसआर प्रोजेक्ट) ने स्वयं सहायता समूहों (बचत समूह) की महिलाओं के बीच महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को पंख देने का निर्णय लिया. स्वयं सहायता समूह मूल रूप से वित्तीय स्वतंत्रता के लिए बनाए जाते हैं. महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम उन्हें किसी भी चुनौतीपूर्ण और खतरनाक स्थिति में अपना निर्णय स्वयं लेने में मदद करेगा. एम्स में सामुदायिक चिकित्सा विभाग की टीम डॉ. रंजन सोलंकी के नेतृत्व में प्रभावशीलता पर काम कर रही है. 

    समान अधिकार; यह विशेष अधिकार नहीं हैं. महिलाएं अपने परिवार के साथ-साथ समाज के लिए भी काम कर रही हैं. वे सिर्फ सम्मान के साथ व्यवहार करना चाहती हैं और किसी को उनकी बातें सुनने की जरूरत है. उनसे बात करना जरूरी है ताकि वे अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकें.