
नागपुर. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भाजपा पर कारारा वार करते हुए कहा कि खुद के दम पर जीतने की क्षमता नहीं होने के चलते बीजेपी फोड़ाफोड़ी की राजनीति कर रही है. पहले शिवसेना को फोड़ा और जब लगा कि अब भी विधानसभा व लोकसभा चुनाव अपने दम पर नहीं जीत पाएंगे तो राकां भी तोड़ दी. वे प्रेस-परिषद में बोल रहे थे.
उन्होंने बताया कि अजीत पवार कुछ साथियों के साथ सत्ता में शामिल हो गए. मुझे भी ऑफर दिया गया था लेकिन मैं नहीं गया. हमने हमारे नेता शरद पवार के साथ मजबूती से खड़ा रहने का निर्णय लिया. देशमुख ने यह भी खुलासा किया कि राकां प्रदेशाध्यक्ष नियुक्ति पर निर्णय के लिए शरद पवार ने 6 जुलाई को बैठक आयोजित की थी जिसमें संभवत: जो गए (अजीत पवार) उन पर निर्णय हो सकता था लेकिन वे 2 जुलाई को ही भाजपा के साथ चले गए. प्रेस- परिषद में दुनेश्वर पेठे, रमेश बंग, दीनानाथ पडोले, प्रवीण कुंटे पाटिल, नूतन रेवतकर, वर्षा शामकुले की उपस्थिति रही.
भंडारा-गोंदिया को छोड़ सभी ‘साहेब’ के साथ
देशमुख ने कहा कि भाजपा अपनी तोड़फोड़ की राजनीति से महाराष्ट्र को बदनाम कर रही है. किसानों की समस्या, महंगाई, ओबीसी व धनगर आरक्षण वह भूल गई. उन्होंने बताया कि गणेशपेठ पार्टी कार्यालय में शहर व ग्रामीण कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें सिटी व ग्रामीण से लगभग 1,000 के करीब कार्यकर्ता शामिल हुए और शरद पवार के साथ खड़े रहने का संकल्प जताया. उन्होंने कहा कि गिनती के कुछ पदाधिकारी, कार्यकर्ता ही गए हैं. भंडारा-गोंदिया को अपवाद मानें तो विदर्भ के सारे पदाधिकारी व कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं.