Chhagan Bhujbal in mumbai
छगन भुजबल (फाइल फोटो)

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  • आरक्षण को लेकर विवाद बढ़ा

नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
नागपुर: महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री व कद्दावर ओबीसी नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने एक बड़ा खुलासा (Big claim) करते हुए कहा है कि उन्हें गोली मारने (shoot me) की साजिश (Planing) रची जा रही है। उन्होंने यह बात बुधवार को विधान मंडल (Assembly Nagpur) के चल रहे शीत सत्र के दौरान मराठा आरक्षण पर चर्चा के दौरान कही। भुजबल ने पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह बात सामने आई है कि मुझे जान से मारने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां इस बात पर अड़ी हुई हैं कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन इस मामले में सिर्फ मुझे टारगेट किया जा रहा है। मेरी ऐसी इमेज  बनाई जा रही है कि मैं मराठा समाज का विरोधी हूं। 

जरांगे पाटिल को घेरा
छगन भुजबल ने विधानसभा में मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे नेता मनोज जरांगे पाटिल के एक इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा कि जरांगे कह रहे हैं कि एक बार आरक्षण की अनुमति मिल जाए तो फिर भुजबल का ” कार्यक्रम” करते हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट घूम रही है जिसमें कहा गया है कि जो कोई भी 24 दिसंबर को भुजबल फार्म, भुजबल नॉलेज सिटी, नासिक का दौरा करना चाहता है, वह अपना नाम बताएं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुझ पर हमले की तैयारी शुरू हो गयी है। पहले प्रकाश सोलंके को निशाना बनाया गया। इसके बाद संदीप क्षीरसागर शिकार हुए। अब अगली बारी मेरी है। लेकिन मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है। जो होगा, देखा जाएगा। 

भुजबल महाराष्ट्र पर कलंक
मनोज जरांगे पाटिल ने पलटवार करते हुए कहा है कि छगन भुजबल महाराष्ट्र के लिए एक कलंक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जो बीड में हिंसा हुई थी, उसके पीछे इसी ओबीसी नेता का हाथ था। जरांगे ने महायुति सरकार से कहा है कि वे भुजबल को शक्ति देने का काम न करें। इस नेता ने पहले महाराष्ट्र सदन  का पैसा खाया और अब पूरा महाराष्ट्र को खा जाएगा। मराठा नेता ने महाराष्ट्र सदन घोटाले के मामले में भुजबल के खिलाफ केस वापस लेने पर भी सवाल खड़े किए हैं। जरांगे, बुधवार को छत्रपति संभाजी नगर में भाषण के दौरान बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री की ओबीसी नेताओं के साथ बैठक
गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और ओबीसी नेताओं के बीच अहम बैठक होगी। ओबीसी समुदाय की मांग है कि उनके कोटे के आरक्षण को नुकसान पहुंचाए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए, सरकार को ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के संबंध में तत्काल कदम उठाना चाहिए, महाज्योति को भी सारथी की तरह वित्तीय मदद मिलनी चाहिए।  जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए शिंदे सरकार को 24 दिसंबर का अल्टीमेटम दिया है।