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नागपुर. जिप की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा ने कहा कि प्लास्टिक कचरा भविष्य के लिए गंभीर चुनौती है. इसके प्रबंधन को प्राथमिकता देकर जिले के गांवों को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए कचरे से राजस्व हासिल किया जा सकता है. गांवों में प्लास्टिक कचरा संकलित करने की बजाय उसे जलाना दंडात्मक कार्यवाही है. इसके लिए नियोजनबद्ध तरीके से घनकचरा व्यवस्थापन करना होगा.

जिला पानी व स्वच्छता मिशन कक्ष जिप की ओर से घनकचरा और प्लास्टिक कचरा व्यवस्थापन विषय पर  जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई. शर्मा ने बताया कि प्रत्येक गांव में कचरा वर्गीकरण का महत्व बताने के लिए गट विकास अधिकारी तहसील स्तर पर बैठक लेकर नियोजन करें. कचरा व्यवस्थापन में उत्कृष्ट कार्य  करने वाले ग्रामसेवक, गटविकास अधिकारियों का सत्कार किया जाएगा. क्लस्टर मॉडल से जिले की सभी ग्राम पंचायतों में एक समान पद्धति से घनकचरा व्यवस्थापन प्रक्रिया चलाई जाएगी. यह राज्य में एकमात्र उदहारण होगा.

अधिकारियों को दिये निर्देश  

कार्यशाला में पंचायत समिति के गट विकास अधिकारी, 6 गट विकास अधिकारी, उपविभागीय अभियंता, शाखा अभियंता, विस्तार अधिकारी पंचायत व आरोग्य तथा जिला ग्रामीण विकास यंत्रणा व जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के जिला, तहसील स्तर के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे. पंचायत समिति कामठी के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोराडी में घनकचरा व प्लास्टिक कचरा व्यवस्थापन यूनिट लगाया गया है. इस बारे में गट विकास अधिकारी अंशुजा गराटे ने जानकारी दी.

शिक्षा व संवाद सलाहकार निखिल रौंदलकर ने जिले में प्लास्टिक कचरा व्यवस्थापन क्लस्टर पद्धति से करने संबंधी नीति की जानकारी दी. प्लास्ट रुट वेस्ट मैनेजमेंट एंड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कपिल जंगले ने कचरा संकलन के नियोजन व मैपिंग प्रक्रिया की जानकारी दी.