हर कॉलोनी और मुहल्ले में खतरा, शहरभर में फैला है अधूरा निर्माण; दहलीज पार करते ही गड्ढों से होता है सामना

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नागपुर. विकास कार्य होना अच्छी बात है. हर किसी को अपने आसपास अच्छी सड़कें, बिजली, पानी की जरूरत होती ही है. लेकिन पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि शहर के एक-एक मुहल्ला और कॉलोनी के लोग परेशान हो गए हैं. कभी सड़क के लिए रास्ते खोद डाले गए हैं तो कहीं बिजली, केबल बिछाने के लिए मार्ग खोदकर छोड़ दिया गया है. आलम यह है कि दहलीज से निकलते ही लोगों को बड़े-बड़े गड्ढों का सामना करना पड़ रहा है. आये दिन लोग इन गड्ढों में गिर रहे हैं और हाथ-पैर तुड़वा रहे हैं. 

मुख्य मार्ग पर भी कई स्थानों पर यही हाल देखने को मिल रहा है लेकिन बस्तियों, मुहल्लों और कॉलोनियों के हालात इससे भी बदतर हैं. बिजली, पानी, सड़क, केबल लगाने वालों में आपसी तालमेल न होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. कभी पानी वालों को गड्ढा करते हुए देखा जाता है तो कभी बिजली वाले आकर सड़क को खोद देते हैं. इन सबसे छुटकारा मिलता है तो सीवर का काम शुरू कर दिया जाता है. 

 

कार्यप्रणाली से परेशान

इस प्रकार की कार्यप्रणाली से लोग त्रस्त हो चुके हैं. जान के लिए यह खतरा बन गया है. बारिश होने के बाद तो लोगों की सांसें अटक सी गई हैं. छोटे-छोटे बच्चों के लिए ऐेसे गड्ढे परेशानी के सबब बन गए हैं. लोगों का कहना है कि कार्य शुरू होने के पूर्व सभी विभागों में समन्वय की जरूरत है. एक विभाग कुछ काम करता है तो दूसरे विभाग वाले को आने में टाइम लग जाता है जिससे  गड्ढे कई-कई दिनों तक वैसे ही पड़े रहते हैं. 

आधे अधूरे निर्माण

कई क्षेत्रों में सीमेंट रोड का निर्माण हो रहा है. इनकी गति भी काफी धीमी है. एक साइड का निर्माण हुआ तो दूसरी साइड वैसे का वैसे पड़ा हुआ है. इससे वाहन गिर रहे हैं. कारें फंस रही हैं लेकिन अधिकारियों को कोई चिंता नही है. लोगों की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है. 

जल्द हो निर्माण तो बचे जान

जहां धीमी गति से निर्माण कार्य चालू है वहां के लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य जल्द से जल्द किया जाए ताकि बारिश में उनकी जान बची रहे. आज लोग सांसत में हैं. खासकर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर लोग काफी परेशान हैं क्योंकि कई घरों के सामने ही बड़े-बड़े गड्ढे छोड़ दिए गए हैं जो खतरा बन चुके हैं.