Nagpur News: डॉ. उदय नारलावार को उप-अधिष्ठाता पद से हटाया, छात्रों ने दिनभर दिया धरना

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नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र पवन काकडे के आत्महत्या प्रकरण ने नया मोड ले लिया है. सोमवार को पवन के सहपाठियों ने कॉलेज प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए दिनभर धरना दिया. वहीं मेडिकल प्रशासन ने मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. इस बीच स्नातक विभाग के उप-अधिष्ठाता डॉ. उदय नारलावार को पद से हटा दिया गया है.

मेडिकल हॉस्टल क्रमांक 4 में रहने वाले पवन ने शनिवार को बूटीबोरी के पास रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या कर ली. पवन के पिता शिक्षक हैं और बड़ी बहन ने मेडिकल से ही एमबीबीएस किया है. सोमवार को विद्यार्थियों ने अधिष्ठाता कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. छात्रों ने बताया कि वाय-वा के बाद से पवन तनाव में था. स्नातक के उप-अधिष्ठाता डॉ. नारलावार से सहयोग नहीं मिल रहा था. छात्रों ने उन्हें पद से हटाने की मांग की. इस पर अधिष्ठाता ने जांच समिति गठित कर डॉ. नारलावार को हटा दिया गया.

छात्रों के शिक्षकों पर आरोप, प्रशासन ने किए खारिज

इस बीच समिति ने पवन के सहपाठियों से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की. छात्रों का कहना है कि पवन को प्रैक्टिकल परीक्षा में शून्य अंक मिले थे. इससे वह तनाव में था. दरअसल पिछले कुछ वर्षों से छात्रों को अनुत्तीर्ण किए जाने की बात छात्रों ने कही. साथ ही प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर पवन को अनुत्तीर्ण करने की भी चर्चा है. इस बीच मेडिकल प्रशासन द्वारा छात्रों के सभी आरोपों को निराधार बताया गया. पवन के पिता का कहना है कि उनका बेटा मानसिक रोगी था. उसका इलाज भी चल रहा था.

एक वर्ष पहले तबीयत ज्यादा बिगड़ने से उसके स्वभाव में बदलाव आया था. परीक्षा के दिन पवन अपनी बहन से मिला. सहपाठियों के साथ चाय पीने भी गया. इसके बाद वह अपनी बाइक लेकर बाहर निकल गया और कुछ देर बाद बूटीबोरी में आत्महत्या किये जाने की जानकारी सामने आई. मंगलवार को भी समिति द्वारा जांच की जाएगी.