Chandrakant Patil, Teacher

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    नागपुर. उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विश्वविद्यालयीन प्राध्यापकों की समस्याओं के बारे में समग्र रिपोर्ट तैयार कर एक सप्ताह के भीतर सौंपने के निर्देश मुख्य सचिव उच्च शिक्षा रस्तोगी को दिये. विद्यापीठ शिक्षण मंच की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल कल्पना पांडे, सतीश चाफले के नेतृत्व में मंत्रालय में पाटिल से मुलाकात कर प्रलंबित समस्याओं पर चर्चा की.

    चर्चा के दौरान केंद्र द्वारा लागू 7 वें वेतन आयोग का पूर्ण कार्यान्वयन, 1 नवंबर 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्वयन, सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में रिक्त पदों को तत्काल भरने, नेट-सेट ग्रस्त प्रोफेसरों को उचित तरीके से अनुषंगिक लाभ मिलने, एमफिल क्वालिफाइड प्रोफेसरों को भी अनुषंगिक लाभ देने, एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए यूजीसी के नियमों के अनुसार पीएचडी योग्यता से छूट, 2016 के बाद पीएचडी प्राप्त करने वाले प्रोफेसरों के लिए प्रोत्साहन वेतन वृद्धि का कार्यान्वयन, प्लेसमेंट के लिए लाभों का उचित निपटान वास्तविक समिति की बैठक के दिन से न देते हुए पात्रता दिन से दिये जाए एसोसिएट एवं प्रोफेसर के पदोन्नति देने की मांग की गई.

    सेवानिवृत्ति तक बने रहे प्राचार्य 

    उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेजों की लंबित मांगों पर सकारात्मक विचार किया जाये. प्राचार्य पद का कार्यकाल केवल पांच वर्ष की बजाय सेवानिवृत्ति तक बढ़ाया जाना चाहिए. सहसंचालक कार्यालय में अंधाधुंध कार्य पर अंकुश लगाने के लिए नागरिक चार्टर के अनुसार कार्य किया जाने की भी मांग की गई. मंत्री पाटिल ने उपसचिव बाविस्कर को सभी समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए त्वरित कार्यवाही करने की सूचना दी. पांडे ने बताया कि महाविद्यालयीन प्राध्यापकों की समस्याएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही है लेकिन सरकार के सकारात्मक रुख को देख कर लग रहा है कि जल्द ही निराकरण हो सकेगा.