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नागपुर. नागपुर जिला परिषद में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण निधि योजना के तहत गाय और बकरियों के वितरण में हुए भ्रष्टाचार की जांच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जाएगी. विधायक व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उक्त मुद्दा विधान परिषद में उपस्थित किया जिसके उत्तर में मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने उक्त घोषणा की.

जिला परिषद के माध्यम से सभी 13 तहसीलों में दुग्ध विकास व बकरीपालन के लाभार्थियों के लिए वितरण योजना शुरू की गई थी जिसके लिए करोड़ों रुपये मंजूर किये गए थे. लेकिन लाभार्थियों के चयन और मवेशी वितरण में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी. बावनकुले ने इस संदर्भ में सवाल पूछा था. पाटिल ने बताया कि जिप के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी के माध्यम से जांच की गई थी.

जिसने बांटा, उसी से जांच

बावनकुले ने कहा कि जिनके माध्यम से वितरण किया गया उसी से जांच करवाई गई यह उचित नहीं है. लाभार्थी चयन के लिए विज्ञापन भी नहीं दिया गया. खदान बाधित गांवों के लाभार्थियों का चयन नहीं किया गया. मवेशी खरीदी की निविदा नहीं निकाली गई. जहां से गाय नहीं खरीदनी थी वहां से खरीदी गई. इधर की गाय उधर और उधर की इधर कर जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया वे जांच नहीं कर सकते. बावनकुले ने कहा कि लाभार्थियों को पैसे ही नहीं मिले तो वसूल कैसे करेंगे.

अधिकारियों ने पैसा गायब कर दिया इसलिए पुलिस आयुक्त के माध्यम से जांच होनी चाहिए. पाटिल ने कहा कि जांच समिति को जांच में अनियमितता नजर आई है. यह 90 फीसदी अनुदान योजना है. जिन्हें गाय-बकरी दी गई उनके पास जांच में वहीं मिली. पैसों का दुरुपयोग किया गया. उनसे वसूली की जाएगी और ईओडब्ल्यू के माध्यम से जांच की जाएगी. 

यादव ने सीएम से की थी शिकायत

बताते चलें कि उदय सिंह यादव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शिकायत की थी कि उनके प्रभाव क्षेत्र की ग्राम पंचायत खैरी-बिजेवाड़ा, शीतलवाड़ी- परसोड़ा, कांद्री माइन्स व मनसर में मिनरल खदानें हैं लेकिन पात्र लाभार्थियों के आवेदन के बाद भी एक नेता के दबाव में जिला परिषद पदाधिकारियों ने उक्त ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों के आवेदन द्वेषभावना से रिजेक्ट कर दिये और अपात्र लाभार्थियों को निधि दी. इस भ्रष्टाचार की जांच कर दोषी अधिकारियों व पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग उन्होंने की थी. मंत्री पाटिल ने अपने जवाब में इसका भी उल्लेख किया.