महंगे बीज ने बढ़ाया किसानों का संकट, 15 से 20 प्रश बढ़ीं कीमतें

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    • 810 रुपये पर पहुंचा 760 कीमत वाला कपास बीज
    • 3,200-4,000 रुपये पर पहुंचा सोयाबीन सीड्स
    • 400 से 600 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा मिर्च बीज

    नागपुर. खरीफ की फसल का सीजन पास आ गया है. ऐसे में किसान भी बीज मार्केट का रुख करने के लिए तैयार हैं लेकिन ऐन बुआई से पहले महंगे बीज ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सोयाबीन, कपास से लेकर मिर्च के बीज में 15 से 20 प्रश की बढ़ोतरी हुई है. पिछले वर्ष कपास का 475 ग्राम का पैकेट 760 रुपये का मिल रहा था जो कि अब इस वर्ष 60 रुपये महंगा होकर 810 रुपये प्रति पैकेट पर पहुंच गया है. इसी तरह सोयाबीन बीज का प्रति 30 किलो वाला बैग पिछले वर्ष 3,200 रुपये चल रहा था जो कि अब बढ़कर 3,200 से 4,000 रुपये पर पहुंच गया है. मिर्ची का बीज 400 से 600 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा है. पहले ही महंगे डीजल के वजह से खेती की लागत कई गुना बढ़ गई है. वहीं अब महंगे बीज भी किसानों की चिंता बढ़ाने का काम कर रहे हैं. किसानों का कहना है जिस तरह केंद्र सरकार ने टैक्स कम कर डीजल की कीमतों को कम किया है, उसी तरह राज्य सरकार को भी अभी के डीजल के आंकड़े को देखते हुए राहत देनी चाहिए. इससे बढ़ी खेती की लागत में गिरावट आएगी.

    कपास की ओर बढ़ा रुझान

    बीज विक्रेताओं के अनुसार पहले कभी कपास के भाव 6,500 रुपये अधिक नहीं जाते थे लेकिन पिछले वर्ष कपास की कीमतों ने रिकॉर्ड बनाया. कपास को 13,000 रुपये क्विंटल से भी अधिक भाव मिले. इसे देखते हुए इस बार किसानों का रुझान कपास बीज की ओर अधिक दिख रहा है लेकिन अभी 1 जून तक कपास की बिक्री पर रोक है. इसके चलते किसानों ने अब तक मार्केट का रुख नहीं किया है. 1 जून के बाद ही मार्केट में हलचल बढ़ेगी. इस बार किसानों को बीज के महंगाई से सामना करना पड़ेगा. इस बार किसानों की सबसे अधिक डिमांड कपास और सोयाबीन पर ही रहेगी.

    50 प्रश से भी कम रहेगी मिर्ची की फसल

    विक्रेताओं के अनुसार इस बार मिर्ची की फसल 50 प्रश से भी कम रह सकती है. पिछले वर्ष मिर्ची ‘ब्लैक थ्रिप्स’ के प्रादुर्भाव से मिर्ची की फसल चौपट हो गई थी. अचानक इस नये किट का आक्रमण होने से किसी तरह का नियंत्रण नहीं हो पाया. इसके चलते इस बार किसान मिर्ची की फसल को लेकर उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं. मई में मिर्ची के बीच की 50 प्रश से अधिक खरीदी हो जाया करती थी लेकिन इस बार अब तक मात्र 10 से 15 प्रश ही बीज की खरीदी हुई है.

    घर में तैयार किया बीज

    कृषि विभाग द्वारा सोयाबीन के बीज घर में तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किये जाने के चलते इस बार किसानों ने बड़ी मात्रा में बीज तैयार किया है. इस बार अधिकतर किसान स्वयं के द्वारा तैयार किया हुए ही बीज की बुआई करेंगे. वहीं तुअर के बाजार भाव कम होने के चलते इस बार इसका क्षेत्रफल घट सकता है.