Bombay High Court
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नागपुर. शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए, नागपुर महानगरपालिका ने पटाखे फोड़ने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक निर्धारित किया है. नागरिक कम से कम वायु व ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखे फोड़े और स्वच्छ दिवाली, शुभ दिवाली मनाएं. ऐसी अपील मनपा आयुक्त एवं प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी ने की. वायु प्रदूषण के संबंध में मुंबई हाई कोर्ट और राज्य सरकार के आदेशानुसार मनपा आयुक्त चौधरी के निर्देशन में वायु गुणवत्ता संचालन विभाग अधिकारी डॉ. श्वेता बनर्जी ने पटाखे फोड़ने के लिए समय तय करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. साथ ही संबंधित विभागों को अपने स्तर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

सिटी में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. यह भविष्य के लिए खतरे की घंटी है. वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के संबंध में लगातार कार्रवाई की जरूरत है. इस विषय पर एनएमसी ने अहम कदम उठाया है. उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पटाखे फोड़ने के लिए समय निर्धारित किया गया है. समय सीमा के उचित पालन एवं कार्रवाई के संबंध में मनपा समेत पुलिस विभाग को भी सूचित किया गया है. इसके अलावा शहर में निर्माण स्थलों को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

निर्माण स्थलों के लिए दिशानिर्देश जारी

निर्माण स्थल पर धूल के उड़ने और हवा में मिलने से रोकने के लिए निर्माण स्थल पर लोहे के पात्रे लगाने और लगातार पानी का छिड़काव करने की सूचना दी गई है. राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण, सार्वजनिक बांधकाम विभाग, मेट्रो, नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा सिटी के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माण कार्य किया जा रहा है. उन सभी स्थानों पर नियमित जल छिड़काव की आवश्यकता का उल्लेख भी दिशानिर्देशों में किया गया है. निर्माण स्थलों या अन्य स्थानों पर जमा होने वाले ‘सी’ एवं ‘डी’ कचरे के धूल के कणों को हवा में मिलने से रोकने के लिए पूरी तरह से ढका जाना चाहिए. साथ ही निर्माण कार्य के मलबे एवं तैयार कंक्रीट मिश्रण को ट्रकों से ले जाते वक्त पूरी तरह से कवर किया जाना चाहिए. यह भी सूचना दी गई है. शहर में कहीं भी कूड़ा जलाना प्रतिबंधित है. कूड़ा जलाने वालों पर मनपा की ओर से दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसलिए कहीं भी कूड़ा न जलाने के निर्देश है. परिवहन विभाग को आपली बस बेड़े की सभी बसों और सभी सरकारी वाहनों के पीयूसी की जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं. 

वायु प्रदूषण से बढ़ सकती तकलीफ

दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने के दुष्प्रभाव और पर्यावरण पर पड़ने वाले विपरीत   असर के बारे में शहर के सभी स्कूलों में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है. इस संबंध में शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं. उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार नागरिकों को दिवाली त्योहार के दौरान केवल रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ही पटाखे फोड़ने का समय दिया गया है. साथ ही कम से कम वायु और ध्वनि प्रदूषण वाले पटाखे फोड़ने के लिए सूचित किया गया है. पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, अस्थमा जैसी बीमारियों के रोगियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं. इसके अलावा यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है. इस पर सभी को ध्यान देने के आवश्यकता है. ऐसी अली मनपा आयुक्त ने की है.