Nitin gadkari

  • देश भर में लागू करने की सलाह

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नागपुर. देश के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर वर्धा, बुलढाना जिले में राजमार्ग के निर्माण के दौरान लागू किए गए जल संधारण पैटर्न को नीति आयोग ने स्वीकारा है. आयोग देश के सभी राज्यों को जल संधारण की दिशा में यही पैटर्न लागू करने की सिफारिश करने वाला है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गडकरी के इस नए पैटर्न की तारीफ करते हुए उन्हें प्रशंसा पत्र भी भेजा है. तमस्वाड़ा वर्धा जिले का एक सुदूर आदिवासी गांव है.

राजमार्ग का निर्माण करते समय इस गांव के पास से मुरुम और मिट्टी निकालने से बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे. इसके अलावा नदियों के तल से भी रेत और मिट्टी निकाली गई जिससे उनके तल बहुत गहरे हो गए. मानसून के दौरान वर्षा का जल इन दोनों तरह के गड्डों में भर गया जिससे ये जल भंडारण के बड़े स्थलों के रूप में सामने आए हैं. इनमें पानी भरने से आसपास के सभी जलस्रोतों में प्राकृतिक जल का साधन जीवित हो गया. इससे किसानों के कुएं में सिंचाई का पानी और ग्रामीणों को पीने का पानी भी उपलब्ध हो रहा है.

बुलढाणा के 152 गांवों की 1,525 हे. भूमि सिंचित हुई
बुलढाणा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माणाधीन है. इस कार्य के लिए आवश्यक मिट्टी और मिट्टी प्राप्त करने के लिए सड़क के पास के तालाबों और नदियों में खुदाई की गई. परिणामस्वरूप, झीलें बन गई हैं. जिन नदियों से रेत आदि निकाली गई वे नदियां गहरी हो चुकी हैं. इन गड्ढों में अब बारिश का पानी जमा हो गया है. बुलदाना जिले में 491 किलोमीटर की लंबाई के साथ कुल 12 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं हैं. इस लंबे काम के लिए, 65.59 लाख क्यूबिक मीटर बजरी को पास की झीलों, नदियों और नालों से हटा दिया गया था. इससे 6,559 टीसीएम पानी की बचत हुई है और 152 गांवों को लाभ हुआ है.

बुलढाणा जिले में लागू जल संरक्षण के गडकरी पैटर्न ने पानी की कमी को दूर कर दिया है. लगभग 5 लाख लोगों को पानी की कमी से राहत मिली है. राजमार्ग साथ-साथ संग्रहों के गहरीकरण के कारण 22,800 कुओं में भरपूर पानी आ गया है. 1,525 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है. राजमार्गों के निर्माण के साथ-साथ पानी भी समृद्ध हुआ. राजमार्ग के निर्माण और झीलों, नदियों और नदियों के गहरीकरण और चौड़ीकरण का अच्छी तरह से समन्वय किया गया था. इस पैटर्न में जल संधारण के लिए सरकार को अलग से कोई पैसा खच नहीं करना पड़ा. 

खामगांव तहसील के 12 गांवों को पानी
बुलढाणा जिले की खामगांव तहसील में लंजुड सिंचाई झील का गहरीकरण किया गया. बालापुर, खामगांव, मलकपुर, चिखली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 पर चिखली खुर्द, चिखली बुद्रुक, लंजुड, सुजातपुर, अंबोडा, आमसारी, सुतला, सुतला खुर्द, पहूजिरा, मोरगांव, पार्केड, पिंपरी, घाटपुरी, वाडी ऐसे 12 गावों के 42 हजार लोगों के लिए उपयोगी 272 हेक्टेयर खेती में सिंचाई होगी, जिसके लिए 1737 टीएमसी पानी का भंडार उपलब्ध हो गया है. 

नागपुर, औरंगाबाद, मुंबई में भी क्रियान्वयन
राष्ट्रीय महामार्ग पर कुल 491 किमी के 12 प्रकल्प बुलढाणा जिले में मंजूर किए गए हैं. इन प्रकल्पों पर किए गए कामों से 65.59 लाख घनमीटर यानी 6,559 टीसीएम अतिरिक्त भूपृष्ठीय जल संग्रह बिना खर्च तैयार हो गया है. इस कारण 10 हजार टीसीएम पानी का भूजल के रूप में पुनर्भरण होने वाला है. राज्य में विदर्भ के नागपुर विभाग में 34 प्रकल्प, कोकण के मुंबई विभाग में 3 प्रकल्प, पुणे विभाग में 5 और मराठवाड़ा के औरंगाबाद विभाग में 18 प्रकल्प बुलढाणा पैटर्न की तर्ज पर साकार किए जा रहे हैं.