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नागपुर. अश्लील गानों से युवा पीढ़ी पर पड़ते दुष्प्रभाव और इसके लिए जिम्मेदार यो यो हनी सिंह और बादशाह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर आनंदपाल सिंह झब्बल की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी. लंबे समय से चल रहे इस मामले में यो यो हनी सिंह को विदेश जाने की अनुमति तो मिली हुई है लेकिन बादशाह की ओर से अब तक जांच में सहयोग नहीं किया गया.

एक ओर जहां निचली अदालत में मामले की सुनवाई जारी है, वहीं दूसरी ओर 18 फरवरी 2015 को दिए गए आदेश का पालन नहीं किए जाने के लेकर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अविनाश घारोटे ने आदेश के अनुसार किसी भी तरह की अवमानना नहीं होने का हवाला देते हुए याचिका निरस्त कर दी. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. रसपाल सिंह रेणू ने पैरवी की. 

जबरन नहीं ले सकते वाइस सैंपल

अधि. रेणू ने कहा कि इसके पूर्व सर्वोच्च न्यायालय का वाइस सैंपल लेने के संदर्भ में फैसला आया है जिसके अनुसार अभियुक्त की इच्छा के विपरीत उसका वाइस सैंपल नहीं लिया जा सकता है. किंतु बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने ही अन्य मामलों में वाइस सैंपल देने की शर्त भी लाद दी थी. दोनों फैसले विरोधाभासी होने के कारण बड़ी पीठ के पास मामले की सुनवाई हुई.

जिसमें जांच अधिकारी यदि चाहे तो वह वाइस सैंपल ले सकता है ऐसे आदेश जारी हुए. किंतु हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद अदालत का मानना था कि जिस आदेश के आधार पर अवमानना दायर हुई है. उसके अनुसार अदालत ने प्रतिवादी हनी सिंह और बादशाह के वाइस सैंपल नियमों के अनुसार लेने आदेश तो दिए थे, किंतु यदि वे स्वयं देना चाहे तो ही इसकी स्वतंत्रता दी थी. प्रतिवादियों की ओर से दायर हलफनामा में बताया गया कि उन्होंने वाइस सैंपल देने से इनकार कर दिया है.

वाइस सैंपल नहीं तो विदेश यात्रा भी नहीं

अधि. रेणू ने कहा कि हनी सिंह के मामले में अदालत ने जब तक वाइस सैंपल नहीं दिए जाते, तब तक विदेश यात्रा के लिए अनुमति नहीं देने की शर्त लाद दी थी. जिसके अनुसार हनी सिंह ने तो वाइस सैंपल दे दिया, किंतु बादशाह अब तक वाइस सैंपल देने से बचता रहा है. जिस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताते हुए इस संदर्भ में आदेश जारी करने का अनुरोध अदालत से किया. उल्लेखनीय है कि अदालत के आदेशों के अनुसार हनी सिंह और बादशाह ने अब तक 2 बार पांचपावली थाना में जांच अधिकारी के सामने हाजिरी लगाई है.