Court approves sacking of 12 Manpa employees, High Court validates Munde's decision
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    नागपुर. सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर मिली शिकायत के बाद महानगरपालिका द्वारा अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस जरूर जारी किया गया लेकिन लंबे समय तक कार्रवाई न होने पर हाई कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की गई. संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने मनपा जोन कार्यालय, सीएफओ और नवरात्रि मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर को नोटिस जारी किया.

    याचिकाकर्ता अनिल यादवराव की ओर से हाई कोर्ट में न्यायाधीश सुनील शुक्रे व अनिल पानसरे की बेंच को बताया गया कि इस रिसर्च सेंटर को लीज पर दी गई जमीन वास्तव में रेजिडेंशियल है जबकि इसका उपयोग कमर्शियल के तौर पर किया जा रहा है. साथ ही इसके 5वें फ्लोर से किया गया निर्माण अवैध है. इस बारे में शिकायत करने पर मनपा जोन और सीएफओ द्वारा सेंटर के सचिव को अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस जारी किया गया. बावजूद इसके सेंटर प्रबंधन ने नोटिस को ठेंगा दिखा दिया.

    लंबे समय तक कार्रवाई न होने पर मनपा जोन और सीएफओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. इसके बाद हाई कोर्ट ने मनपा को निर्देश दिया कि उक्त रिसर्च सेंटर के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए अंतिम नोटिस जारी किया जाए. याचिकाकर्ता की ओर से एड. आदित्य त्रिवेदी ने पैरवी की.