Nagpur High Court
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नागपुर. वाठोडा स्थित भूमि के हिस्से को आरक्षण से निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट की ओर से 20 जून 2022 को आदेश जारी किए गए थे. इसके अनुसार राज्य सरकार को 6 सप्ताह के भीतर नया आदेश जारी करना था किंतु हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने के कारण सुनील मेहाडिया की ओर से अवमानना की याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद अब हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ता के अनुसार एक अनजाने में हुई त्रुटि के कारण 8 जून 2018 की अधिसूचना में प्लाट नंबर 6 का संदर्भ नहीं दिया गया जिसके द्वारा सामुदायिक केंद्र के लिए आरक्षण की समाप्ति को अधिसूचित किया गया है. इस पर अदालत का मानना था कि यह स्वीकृत तथ्य है कि 5 सितंबर 2013 को याचिकाकर्ताओं ने महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम 1966 की धारा 127 के तहत नोटिस दिया था जिसमें मनपा और प्रन्यास को प्लाट नंबर 5 और 6 की जमीन खरीदने को कहा गया था.

0.81 आर से समाप्त हुआ आरक्षण

नोटिस के बावजूद सामुदायिक केंद्र के लिए आरक्षित जमीन के अधिग्रहण के लिए कोई कदन नहीं उठाया गया था. इसलिए 2013 में रिट याचिका दायर की गई. हाई कोर्ट ने 11 अगस्त 2014 को रिट याचिका स्वीकृत कर 0.81 आर जमीन उपरोक्त आरक्षण को समाप्त घोषित कर दिया. इस घोषणा के अनुसार नगर विकास विभाग ने 8 जून 2018 को एक अधिसूचना जारी की लेकिन इस अधिसूचना में प्लाट नंबर 6 का संदर्भ नहीं दिया गया. जिससे फिर से रिट याचिका दायर की गई. 

अधिसूचना में टाइपोग्राफिकल खामी

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील की ओर से इसे अनजाने में हुई टाइपोग्राफिकल खामी करार दिया गया था. साथ ही नए सिरे से शुद्धिपत्र जारी कर नई अधिसूचना में उक्त त्रुटि को सुधारे जाने का आश्वासन अदालत को दिया गया. मनपा की ओर से दायर हलफनामा में बताया गया कि अधिसूचना में प्लाट नंबर 6 क उल्लेख नहीं होने के कारण याचिकाकर्ता को नियमितीकरण पत्र जारी नहीं किया जा सका है. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद हाई कोर्ट ने वाठोडा स्थित प्लाट नंबर 6 सहित नया शुद्धिपत्र जारी करने के आदेश राज्य के नगर विकास विभाग को देकर याचिका का निपटारा किया था. यहां तक कि अधिसूचना 6 सप्ताह में जारी करने के निर्देश भी दिए गए.