Attempt to sell skin by hunting leopard, one arrested
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    नागपुर. तेंदुए की खाल खरीदी के मामले में पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व जिला परिषद सदस्य शंकर डडमल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन लंबी सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने याचिकाकर्ता को राहत देने से इनकार करते हुए गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी ठुकरा दी. सरकार की ओर से अधिवक्ता विनोद ठाकरे ने पैरवी की.

    अभियोजन पक्ष के अनुसार कुछ लोगों द्वारा तेंदुए की खाल बेचे जाने की खबर वन विभाग को मिली थी जिसके आधार पर वन विभाग के अधिकारियों की ओर से जाल बिछाकर संजीव बेहेरा और प्रवीण लांजेवार को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान बेहेरा ने तेंदुए की खाल लांजेवार की होने की जानकारी दी थी जबकि लांजेवार ने 10 से 12 वर्ष पूर्व यह खाल डडमल के पास से लाए जाने की जानकारी उजागर की थी. 

    सत्र न्यायालय भी ठुकरा चुका है अर्जी

    मामले की छानबीन के बाद वन विभाग की शिकायत पर बूटीबोरी पुलिस में मामला दर्ज किया गया. मामले में आरोपी बनाए जाने तथा किसी भी समय गिरफ्तारी होने की आशंका के चलते डडमल ने जिला सत्र न्यायालय में गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी दायर की. 16 मार्च 2022 को जिला सत्र न्यायालय की ओर से लंबी सुनवाई के बाद राहत देने से इनकार कर अर्जी ठुकरा दी गई. इसके बाद डडमल ने हाई कोर्ट की शरण ली लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली.