मेडिकल : बरामदों में परिजनों के बुरे हाल; कम पड़ने लगे प्रतीक्षालय, हालत भी अच्छी नहीं

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नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल परिसर में खुली जगह की कमी नहीं है लेकिन उसका सदुपयोग नहीं हो रहा है. अस्पताल में मरीजों के साथ आने वाली परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि पिछले दिनों सीमित बेड का एक प्रतीक्षालय तैयार किया गया है लेकिन परिजनों की संख्या की तुलना में यह कम है.

परिजनों को दिन और रात बरामदों में ही गुजारना पड़ता है. बारिश के दिनों में जब पानी बरामदों में आ जाये तो फिर सारी रात जगह की तलाश में निकल जाती है. मेडिकल में वार्डों के बीच में प्रतीक्षालय बनाये गये हैं लेकिन इनमें 10-12 लोग ही रह सकते हैं. ग्राउंड फ्लोर पर प्रसूति वार्ड है. यहां चौबीस घंटे हलचल रहती है. ए

क प्रसूता महिला के साथ 2-3 परिजन होते हैं. वार्ड के सामने परिजनों को बैठने नहीं दिया जाता. इस हालत में परिजन दिनभर अपना सामान लेकर एक से दूसरी जगह भटकते रहता है. वार्डों के सामने अब भी खुली जगह हैं. यदि इस जगह पर प्रतीक्षालय बना दिये जाये तो परिजनों को राहत मिल सकती है. सबसे अधिक भीड़ वार्ड क्रमांक 51 के सामने रहती है.

यहां आईसीयू होने से भीतर परिजनों को प्रवेश नहीं दिया जाता. मरीज की हालत क्रिटिकल होने से कभी भी किसी भी दवाई की जरूरत पड़ सकती है. यही वजह है कि परिजनों को चौबीसों घंटे वार्ड के सामने बैठे रहना पड़ता है. सबसे अधिक दिक्कतें बारिश में होती हैं. बरामदे में पानी आने से अफरा-तफरी मच जाती है. 

श्वानों का जमघट, रात के वक्त हमला 

मेडिकल में आवारा श्वानों का जमघट हमेशा लगा रहता है. केवल ग्राउंड फ्लोर पर ही नहीं बल्कि पहले और दूसरे माले के बरामदों में भी श्वानों का जमघट देखा जा सकता है. वार्डों में मरीजों को खाना दिया जाता है. दोपहर और रात के वक्त परिचर को खाना बांटने की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है. यदि यह खाना बच जाये तो उसे बरामदों में लगे डस्टबिन में डाल दिया जाता है. रात के वक्त आवारा श्वान खाने के लिए डस्टबिन को भी गिरा देते हैं. एक-दो नहीं बल्कि श्वानों का पूरा कुनबा ही बरामदों में सक्रिय है.

कई बार बरामदों में सोने वालों का सामान लेकर भी श्वान भाग जाते हैं. इस वजह से परिजनों में हमेशा भय का माहौल बना रहता है. कुछ महीने पहले श्वानों ने निवासी डॉक्टरों को जख्मी कर दिया था. इस घटना के बाद मनपा के दस्ते ने श्वानों को पकड़ने की कार्रवाई की, लेकिन एक बार फिर वहीं स्थिति निर्माण हो गई है.