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    नागपुर. संगठित रूप से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले अपराधियों को सिटी पुलिस ने बड़ा झटका दिया है. कई वर्षों से बड़ा ताजबाग परिसर में अपनी धौंस जमाकर रखने वाले आबू सहित उसके 3 भाइयों पर पुलिस ने मोका लगा दिया. उनके अलावा मेडिकल एडमिशन के नाम पर बड़ा ठग गिरोह चलाने वाली चंद्रशेखर आत्राम और लूट की वारदातों में सक्रिय चंगीराम की गैंग पर भी मोका लगा गया है. एक साथ 3 गैंग पर मोका लगने से शहर के अपराधियों में हड़कंप मच गया है. आबू और उसके भाई शहजाद खान, अमजद खान और इग्गा खान ने लंबे समय से ताजबाग परिसर में अपना आतंक मचा रखा था.

    ड्रग्स और गांजा बेचने के साथ परिसर की कई दूकानों और प्लाट पर आबू गैंग ने लोगों को धमकाकर कब्जा जमा रखा था. कई लोगों से कब्जा छोड़ने के लिए फिरौती भी मांगी गई. आबू को दोबारा अपनी दहशत बनाते देख पुलिस ने पूरा क्रिमिनल रिकॉर्ड खंगाला. अपराधों की फेहरिस्त को देखते हुए डीसीपी क्राइम चिन्मय पंडित ने प्रकरणों की जांच की और डीआईजी क्राइम सुनील फुलारी को मोका का प्रस्ताव भेजा. फुलारी ने आबू और उसकी गैंग पर मोका लगा दिया. प्रकरण की जांच एसीपी अजनी को सौंपी गई है.

    सीपी ने पहले ही दी थी नसिहत 

    बड़ा ताजबाग परिसर से लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने जनता दरबार भी आयोजित किया था. यहां आबू के खिलाफ शिकायतों का तांता लग गया. न सिर्फ नागरिकों ने बल्कि बाबा ताज के गद्दा नशीन परिवार को भी आबू और उसकी गैंग ने धमकाया था. सीपी अमितेश कुमार ने आबू और उसके परिवार को पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि अब वह नहीं सुधरा तो पुलिस ऐसी कार्रवाई करेगी कि 7 पुश्तें याद रखेगी. इसके बाद भी आबू और उसके भाइयों के खिलाफ बड़ी संख्या में लोगों ने शिकायत की.

    आत्राम गैंग ने कई लोगों को लगाया चूना

    दूसरी कार्रवाई चर्चित ठग चंद्रशेखर आत्राम और उसके गिरोह पर की गई. इस मामले में चंद्रशेखर के अलावा राजेश गुहा, पंकज कृपाशंकर दुबे, श्रीकांत उर्फ अभिमन्यु सिंह, नीलकंठ सूर्यवंशी, पिकू, मनु प्रतापन और लोकप्रिय उद्धवराव साखरे का समावेश है. चंद्रशेखर ने अपनी गैंग के जरिए महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार तक अपना जाल फैला रखा था. मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर आत्राम और उसकी गैंग के लोग नागरिकों को ठग रहे थे. सभी के खिलाफ अनेक मामले दर्ज हैं. नागपुर ग्रामीण की कन्हान पुलिस ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद बिहार के एक डॉक्टर की शिकायत पर गिट्टीखदान और अजनी थाने में एक व्यक्ति की शिकायत पर ठगी का मामला दर्ज हुआ. आपराधिक षड्यंत्र के तहत लोगों को ठगने वाली इस गैंग की जांच डीसीपी अक्षय शिंदे ने की और डीआईजी फुलारी को मोका का प्रस्ताव भेजा. फुलारी ने सभी दस्तावेजों की जांच के बाद आत्राम सहित 8 आरोपियों के खिलाफ मोका लगा दिया. प्रकरण की जांच एसीपी सीताबर्डी को सौंपी गई है. 

    डकैती की वारदातों में लगातार सक्रिय थी चंगीराम गैंग

    पिछले 2 वर्षों से लगातार डकैती, लूटपाट और चोरी की वारदातों में सक्रिय चंगीराम की गैंग के खिलाफ भी डीआईजी नवीनचंद्र रेड्डी ने मोका लगाया है. चंगीराम उर्फ चंगी शंकर गोसाई (55) मूलत: मध्य प्रदेश के रायसेन का रहने वाला है. चंगीराम और उसके बेटे गुरु उर्फ आकाश गुज्जर (21) ने नागपुर जिले के अपराधियों को साथ लेकर अपनी गैंग तैयार की थी. उसकी गैंग में चक्की खापा, कोराड़ी निवासी संदेश अन्ना रोकड़े (51), फागोजी लेआउट, गोधनी निवासी प्रवीण परसराम कान्होले (49), नागलवाड़ी, सावनेर निवासी सचिन मुन्ना जगणे (36) और म्हाडा क्वार्टर, कपिलनगर निवासी हरि श्रीराम आसोले (45) का भी समावेश है. सभी लगातार लूट और डकैती की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. गिट्टीखदान थाने में दर्ज एक मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई और पूरी कुंडली सामने आई. डीसीपी विनीता साहू ने प्रकरण की जांच की और मोका का प्रस्ताव तैयार किया. डीआईजी रेड्डी ने पूरी गैंग पर मोका लगाकर एसीपी सदर को जांच सौंपी है.