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नागपुर. गढ़चिरोली में हुए बाघ के शिकार की घटना को अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ की मेलघाट टाइगर रिजर्व में एक बाघ के मौत की घटना सामने आई. हालांकि गढ़चिरोली में हुए बाघ के शिकार की घटना के बाद वन मंत्री ने एफडीसीएम भवन में बैठक बुलाई. बैठक का उद्देश्य इलेक्ट्रोक्यूशन से बाघों की मौत की संख्या को कम करने और शिकारियों पर लगाम कसने का था. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि गढ़चिरोली के चाटगांव में हुए बाघ के शिकार में लिप्त 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

इस मामले की जांच पूरी भी नहीं हुई कि मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमटीआर) बफर जोन के परतवाड़ा डिवीजन में सुसरदा रेंज में एक और बाघ मृत पाया गया. पिछले 10 महीनों में महाराष्ट्र में बाघों के मौत की संख्या 40 के अधिक हो गई हैं. इससे वन्यजीव संरक्षणवादियों और वन विभाग में चिंता पैदा हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्थायी वन मजदूरों को गश्त के दौरान हीराबाई राउंड में कंपार्टमेंट नंबर 1174 में बाघ का शव मिला. शरीर के अंग बरकरार थे. मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों ने दावा किया कि बाघ की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है. हालांकि अधिकारियों को भी गड़बड़ी का संदेह है कि संभवतः यह ग्रामीणों द्वारा बदला लेने के लिए हत्या का मामला हो सकता है.

मवेशियों को बनाया था शिकार

विगत दिनों ही बाघ ने एक गाय को शिकार बनाया था. इससे पहले बहादुबल्दा गांव के पास एक बछड़े और उसके बाद दो भैंसों का शिकार किया था. एसीएफ महल्ले ने कहा कि मौत प्राकृतिक लग रही है. मेलघाट टाइगर रिजर्व क्षेत्रीय वन विभाग से सटा हुआ है. इसलिए बाघ के सटीक क्षेत्र का भी पता लगाया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा. वन विभाग मामले की जांच में जुटा है.