डर के बीच जबरदस्त खरीदी से पेट्रोल पंप हुए खाली, खाद्य तेलों की खरीदी भी दोगुनी

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    नागपुर. अमूमन सभी को पता था कि चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अफलातूनी वृद्धि होगी. उस पर यूक्रेन-रूस युद्ध ने जले पर नमक छिड़क दिया. माहौल दर वृद्धि के बिल्कुल अनुकूल बन गया. लोगों में डर इस कदर बैठा कि मंगलवार को शाम होते-होते कई पंप खाली हो गए. औसत दिनों से लगभग दोगुना पेट्रोल एक दिन में ही बिक गया. डीजल वाहन वाले भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी टंकी फुल कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. मंगलवार को शाम तक ही सिटी के कई पंप खाली हो गए. संचालकों ने पंप खाली का बैनर लगाना ही उचित समझा.

    जनता को उम्मीद ही नहीं, भरोसा है कि इस बार सरकार जबरदस्त मूल्य वृद्धि करेगी. सभी यह सोच रहे हैं कि पेट्रोल का भाव 125 रुपये लीटर से ऊपर चला जाएगा. यही कारण है कि लोग अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार टूव्हीलर, फोरव्हीलर में पेट्रोल डलवाते हुए देखे गए. शाम को कई पंपों पर लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं. यहां तक कि कंपनी संचालित पंपों पर भी आउट ऑफ स्टाक का बोर्ड देखा गया. 

    पेट्रोल आपूर्ति में कमी

    इस बीच कुछ पंप संचालकों का कहना है कि ज्यादा मूल्य वृद्धि होने की आशंका से पेट्रोलियम कंपनियों ने भी आपूर्ति को सीमित कर दी है. यही कारण है कि कुछ पंपों पर समय पर टैंकर नहीं पहुंच पाए और परिणामस्वरूप पेट्रोल और डीजल आउट ऑफ स्टाक हो गए. नियमित आपूर्ति होने से इस परिस्थिति से बचा जा सकता था. सीमित आपूर्ति के बीच लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. 

    खाद्य तेल का भी कर रहे स्टाक

    तेल व्यापारियों ने बताया कि होली और आगामी शादी की सीजन को देखते हुए लोग बड़े पैमाने पर तेल की खरीदी कर रहे हैं. सभी को आशंका है कि आने वाले दिनों में खाने के तेल का भाव काफी बढ़ेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बार-बार खाद्य तेल को लेकर खबरें भी आ रही हैं जिसके बाद कीमतों में भी वृद्धि हुई है. लेकिन लोगों को लग रहा है कि मूल्य में और तेजी आएगी. इसलिए लोग स्टाक करने लगे हैं. होली के अवसर पर तेलों की खपत वैसे भी दोगुनी हो जाती है. तरह-तरह के पकवान बनाने में अहम भूमिका तेल की होती है. इसलिए लोग महंगाई से बचने के लिए अभी से ही खरीदी करने लगे हैं. यही हाल कमोबेश शादी-विवाह वालों का भी है.

    वे भी आशंकित होकर जमकर खरीदी करने लगे हैं. वे चाहते हैं कि वर्तमान मूल्य पर भी माल का स्टाक कर लिया जाए, इसलिए बाजार में तेलों की कमी महसूस होने लगी है. व्यापारियों की मानें तो माल की तंगी नहीं है लेकिन लोगों में मूल्य वृद्धि को लेकर घबराहट है. लोगों की आशंका भी वेवजह नहीं है क्योंकि 10 दिन पूर्व ही खाद्य तेलों मे 12-15 रुपये किलो की तेजी दर्ज की गई है. उस वक्त से अब तक स्थिति और भी बद से बदतर हो गई है. कई बड़े सुपर स्टोर्स में तो खरीदी सीमा तय हो चुकी है. एक ग्राहक को 5 लीटर से ज्यादा खाद्य तेल नहीं दिया जा रहा है.