- 7 दिन का दिया अल्टीमेटम
नागपुर. देश के मध्यबिंदू जीरो माईल के महत्व और प्रशासन द्वारा इसकी अनदेखी किए जाने का मामला उजागर होने के बाद हाईकोर्ट की ओर से कस्तूरचंद पार्क के साथ ही जीरो माईल की दुर्दशा पर भी स्वयं संज्ञान लेते हुए जनहित के रूप में स्वीकार किया. मेट्रो की ओर से जीरो माइल का रखरखाव किए जाने का मामला उजागर होने के बाद हाईकोर्ट की ओर से इस पर मुहर भी लगाई गई. किंतु बुधवार को उस समय मेट्रो रेल कार्पोरेशन को हाईकोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ गई.
जब सुनवाई के बाद न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश पुष्पा गनेडीवाला ने 7 दिनों के भीतर जीरो माइल से मेट्रो का पूरा तामझाम हटाने के आदेश जिलाधिकारी को जारी किए. अदालत मित्र के रूप में अधि. कार्तिक शुकुल, मेट्रो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस.के. मिश्रा और मनपा की ओर से अधि. जैमीनी कासट ने पैरवी की.
हस्तांतरण को लेकर हुआ विवाद
उल्लेखनीय है कि गत सुनवाई के दौरान अदालत ने मेट्रो रेल कार्पोरेशन को देखरेख का जिम्मा सौंपते हुए यहां का पूरा परिसर अधिकार में देने के आदेश जिलाधिकारी को दिए थे. बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत का ध्यानाकर्षित करते हुए अधि. मिश्रा ने कहा कि अभी तक मेट्रो रेल कार्पोरेशन को पजेशन नहीं दिया गया है. जबकि जिलाधिकारी की ओर से पैरवी कर रहे सरकारी वकील का मानना था कि मेट्रो को परिसर का कब्जा पहले ही दिया गया है.
इसी के तहत मेट्रो द्वारा जीरो माइल पर मेट्रो रेल के डिब्बे का आकर्षण तैयार किया गया है. जिससे मेट्रो का वक्तव्य तर्कसंगत नहीं होने की आपत्ति जताई. परिसर के हस्तांतरण को लेकर दोनों पक्षों के विवाद को देखते हुए अदालत का मानना था कि जब हाईकोर्ट की ओर से आदेश दिया गया, तो इसका पालन होना चाहिए था. यहां तक कि शहर की वैभवता को देखते हुए स्वयं पहल करनी चाहिए. किंतु ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है.
केपी मैदान : उपसमिति में 2 एक्सपर्ट
जीरो माईल के संदर्भ में सुनवाई के बाद कस्तूरचंद पार्क को लेकर हुई सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जैमीनी कासट ने कहा कि कस्तूरचंद पार्क का रखरखाव कैसे होगा, विकास करते समय कितनी जगह खुली छोडी जाए, एतिहासिक महत्व को देखते हुए इसे सुरक्षित रखते हुए किस तरह के निर्माण की अनुमति रहेगी जैसी बातों को तय करने के लिए हेरीटेज कंजर्वेशन कमेटी के अंतर्गत अब रेग्यूलेशन तय करने सब कमेटी का गठन किया जा रहा है.
उक्त समिति 3 सदस्यीय होगी. जिस पर इंटरविनर की ओर से समिति में 2 एक्सपर्ट को भी शामिल करने का सुझाव दिया गया. दोनों पक्षों की दलिलों के बाद अदालत ने 5 सदस्यों की समिति गठित करने के आदेश मनपा को दिए.